जैकी, जग्गू, भिड़ू, तस्वीर और आवाज…अपनी पहचान के गलत इस्तेमाल से परेशान जैकी श्रॉफ, पहुंच गए दिल्ली हाई कोर्ट

बिना सहमति के नाम, आवाज, तस्वीर और पहचान से जुड़ी चीज़ों के इस्तेमाल के मामले में जैकी श्रॉफ ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. एक्टर ने बिना मंजूरी के उनसे जुड़ी चीज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है. याचिका में मांग की गई है कि जैकी श्रॉफ की पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी राइट्स की रक्षा की जाए.

 
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बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ अपनी पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी राइट्स के हक को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में कई संस्थाओं के खिलाफ याचिका दाखिल की है. याचिका में दावा किया गया है कि कई संस्थाओं ने जैकी श्रॉफ से इजाजत लिए बिना ही उनकी तस्वीरों, आवाज़ और शब्द ‘भिड़ू’ का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है. जैकी श्रॉफ ने याचिका में मांग की है उनकी मर्जी के बिना उनसे जुड़ी चीज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए.

जस्टिस संजीव नरुला ने जैकी श्रॉफ की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की और बचाव पक्ष को समन जारी किया. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम आदेश देने के मामले पर वो कल यानी 15 मई को सुनाई करेगा. याचिका में जैकी ने संस्थाओं के अलावा सोशल मीडिया चैनल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्स और GIF बनाने वाले प्लेटफॉर्म्स पर भी उनके नाम, तस्वीर और उनकी पहचान से जुड़ी चीज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है.

जैकी श्रॉफ के लिए कोर्ट में पेश हुए वकील प्रवीण आनंद ने कोर्ट को बताया कि कुछ मामलों में उनती तस्वीरों का इस्तेमाल करके आपत्तिजनक मीम्स भी बनाए गए हैं. इसके अलावा इसी तरह उनकी आवाज़ का भी गलत इस्तेमाल हुआ है. यही नहीं कोर्ट को ये भी बताया गया कि कुछ मामलों में तो जैकी श्रॉफ की पहचान का इस्तेमाल करते हुए पोर्नोग्राफिक मटेरियल तक बनाए गए हैं.

हालांकि जैकी श्रॉफ के वकील ने ये साफ किया कि वो पैरोडी और हास्य व्यंग्य को रोकना नहीं चाहते, लेकिन उनकी पर्सनैलिटी का व्यापारिक, अपमानजनक और गलत तरीके से इस्तेमाल पर रोक चाहते हैं. जैकी श्रॉफ ने भिड़ू शब्द के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने की मांग की है. भिड़ू मराठी का शब्द है और इसका मतलब दोस्त या पार्टनर होता है.

इन चीज़ों के इस्तेमाल पर रोक चाहते हैं जैकी

याचिका में बताया गया है कि जैकी श्रॉफ अपने नाम जैकी श्रॉफ, जैकी, जग्गू दादा और भिड़ू शब्द के बिना मंजूरी के इस्तेमाल पर रोक चाहते हैं. इसके अलावा याचिका में ये भी गुज़ारिश की गई है कि कोर्ट प्रौद्योगिकी विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) को ये आदेश दे कि वो गैरकानूनी तरीके से जैकी श्रॉफ की पर्सनैलिटी का इस्तेमाल करने वाली वेबसाइटों और लिंक को हटाए.

दावा है कि उनकी मर्जी के बिना उनसे जुड़ी तमाम चीज़ों का इस्तेमाल हो रहा है और और गलत इस्तेमाल से सिर्फ पैसे ही नहीं कमाए जा रहे बल्कि कंफ्यूज़न भी पैदा की जा रही है और उनके (जैकी श्रॉफ) प्रतिष्ठा को भी धूमिल किया जा रहा है.

अमिताभ बच्चन भी पहुंचे थे कोर्ट

साल 2022 में ऐसे ही मामले में अमिताभ बच्चन भी हाई कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट ने उस वक्त अंतरिम आदेश देते हुए उनकी पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी राइट्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. बिग बी ने याचिका में मांग की थी कि उनकी मर्ज़ी के बिना उनके नाम, तस्वीर, आवाज़ और उनसे जुड़ी किसी पहचान के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए.