धन की कमी से हैं परेशान, उत्पन्ना एकादशी के दिन करें ये उपाय… जीवन में नहीं आएंगे कष्ट!

 उत्पन्ना एकादशी हर साल मार्गशीर्ष माह की एकादशी के दिन मनाई जाती है. इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है.

 

हिन्दू धर्म में उत्पन्ना एकादशी व्रत मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है. ऐसा माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने और कुछ नियमों का पालन करने से मनुष्य के जीवन में धन की कोई कमी नहीं रहती है. जो लोग आर्थिक समस्या से परेशान रहते हैं.इस व्रत के करने से उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 नवंबर दिन मंगलवार को देर रात 01 बजकर 01 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 27 नवंबर दिन बुधवार को देर रात 03 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि तिथि के अनुसार, 26 नवंबर को ही उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाएगा.

उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं. इस एकादशी पर कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, जो आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं और जीवन में पैसों की कमी को दूर करते हैं.

करें ये खास उपाय

  1. उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. आप विष्णु जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और फूल चढ़ाएं. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें. तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है. उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं. आप तुलसी को फूल और मिठाई भी चढ़ा सकते हैं.
  2. दिन व्रत रखने से मन को शांत और पवित्र किया जा सकता है. आप एक समय भोजन कर सकते हैं या फिर फलाहार ले सकते हैं. इस दिन दान करने से पुण्य मिलता है. आप किसी जरूरतमंद को भोजन, कपड़े या धन दान कर सकते हैं. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
  3. शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. आप शालिग्राम को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें पीले वस्त्र चढ़ाएं. शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
  4. एकादशी पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें. ऐसा करने से माना जाता है कि व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहेगी. अगर करियर या कारोबार में बाधाएं आ रही हैं तो उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु का केसर वाले दूध से अभिषेक करें. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
  5. अगर किसी को विवाह संबंधी परेशानियां आ रही हैं तो उन्हें उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हुए केसर, हल्दी या चंदन से तिलक करना चाहिए. श्रीहरि को पीले फूल अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह हो जाता है और कर्ज से मुक्ति के लिए उत्पन्ना एकादशी पर रवि वृक्ष पर जल चढ़ाएं और शाम के समय रवि वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं. इन उपायों को करने से जो व्यक्ति कर्ज से जूझ रहा है उसे जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी.
  6. मार्गशीर्ष माह में उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास देसी घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पौधे की आरती करें. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य को हमेशा पैसों की कमी नहीं रहती है और जीवन की सभी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं.