पेरिस ओलंपिक: Vinesh Phogat ने कभी चुनौतियों से नहीं मानी हार, जानें कैसे बनीं पदक की प्रबल दावेदार

पहले रियो ओलंपिक की चोट तो बाद में टोकियो ओलंपिक में आप्रेशन के बाद मैदान में उतरने के बाद हार की टीस रही। इस बार दंगल गर्ल की चचेरी बहन विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम भारवर्ग में अपना बेहतर जोहर दिखाते हुए देश के नाम गोल्ड मेडल जरूर...
 
चरखी दादरी : पहले रियो ओलंपिक की चोट तो बाद में टोकियो ओलंपिक में आप्रेशन के बाद मैदान में उतरने के बाद हार की टीस रही। इस बार दंगल गर्ल की चचेरी बहन विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम भारवर्ग में अपना बेहतर जोहर दिखाते हुए देश के नाम गोल्ड मेडल जरूर जीतेगी। ताऊ व द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट को विनेश बेटी को सिखाएं कुश्ती के गुरों से इस बार गोल्ड की आश है। साथ ही उनको देश की दूसरी महिला रेसलरों से भी देश के नाम मेडलों की झड़ी लगाने की बात कही।

बता दें कि चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी दंगल गर्ल गीता-बबीता फोगाट की चचेरी बहन व द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट की भतीजी हैं। अपने सफल कुश्ती करियर में विनेश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और तीसरी बार ओलंपिक में 50 किलोग्राम भारवर्ग में अपना जौहर दिखाने के लिए मैदान में उतरेगी। ओलंपिक में विनेश 6 अगस्त को मैट पर उतरेगी और इस बार देशवासियों को उनसे गोल्ड की पूरी आश है। 

द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट ने कहा कि मेहनत के बूते विनेश ने वजन कम कर इस बार 50 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का दिल जीतेगी। उन्होंने बताया कि विनेश की मेहनत पर पूरा भरोसा है और विनेश को मेडल जीतने के लिए ही कुश्ती के गुर सिखाए हैं। टेकल कर काउंटर वाला दांव को लेकर विनेश पर विश्वास और बेटी देश के लिए सोना जीतेगी। उन्होंने कहा कि विनेश के साथ दूसरी लड़कियां भी कुश्ती में मेडल की झड़ी लगाएंगी। साथ ही उनको मलाल है कि कुश्ती में इस बार लड़कों का चयन नहीं होने का मलाल है। उन्होंने कोच व ट्रेनरों के साथ लड़कों को नसीहत दी कि कुश्ती में मेहनत पर 2028 में अपनी प्रतिभा जरूरी दिखाएंगे।