हादसों का रेलवे ट्रैक: अलग-अलग मामलों में 3 लोगों की मौत,1 किलोमीटर के दायरे में हुई तीनों घटनाएं

दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर सोनीपत रेलवे स्टेशन के पास लगातार ट्रेन से कटकर मरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज हो रही है। रेलवे पुलिस की जागरूकता व सतर्कता कार्यक्रमों का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि 12 घंटे के...

 

सोनीपत : दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर सोनीपत रेलवे स्टेशन के पास लगातार ट्रेन से कटकर मरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज हो रही है। रेलवे पुलिस की जागरूकता व सतर्कता कार्यक्रमों का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि 12 घंटे के अंतराल में 1 किलोमीटर के दायरे में 3 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। तीनों मृतकों के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

जी.आर.पी. थाना प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि ट्रेन की अलग-अलग घटनाओं में 3 की मौत हो गई है। तीनों ही मामलों में अभी तक मृतकों की पहचान नहीं हुई है। पहला मामला शनि मंदिर के पास डाऊन ट्रैक का है जहां पर ट्रेन की चपेट में एक युवक आ गया। युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान नहीं हो सकी है। मृतक की आयु करीब 35 वर्ष है। वहीं दूसरी घटना सारंग रोड पर अलसुबह हुई। जहां एक युवक ने ट्रेन के आगे लेटकर सुसाइड कर लिया। मृतक की आयु करीब 30 वर्ष है, जबकि तीसरी घटना हिन्दू गर्ल्ज कॉलेज के पास हुई। इस घटना में एक यात्री ट्रेन से गिर गया, जिसकी मौके पर मौत हो गई। मृतक की पहचान नहीं हुई। मृतक की आयु करीब 50 वर्ष है।

रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर ट्रेन का करते है इंतजार 

सोनीपत रेलवे स्टेशन से दिल्ली की तऱफ जाने वाली कई पैसेंजर ट्रेन ऐसी हैं, जिनमें भीड़ ज्यादा होती है। ऐसे में ट्रेन के अंदर सीट पाने की उम्मीद को लेकर यात्री जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक की तऱफ से ट्रेन में सवार होते हैं। ट्रेन में सवार होने से पहले यात्री रेलवे ट्रैक पर ही खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करते हैं। रेलवे पुलिस का कहना है कि यात्रियों को समझाया जाता है, लेकिन ट्रेन जब प्लेटफार्म पर आती है तो यात्री उस समय भागदौड़ शुरु कर देते हैं। पुलिस इस दौरान कार्रवाई करेगी तो घटना की आशंका होती है। 

जागरुकता अभियान का नहीं असर

रेलवे ट्रैक को अवैध रुप से पार करते समय हो रही घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे पुलिस की तरफ से बार-बार जागरुकता अभियान चलाए जा रहे है, लेकिन अभियान का लोगों पर कोई असर नहीं है। यही कारण है मौत का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। 2 माह के अंदर 1 दर्जन से ज्यादा मौत हो चुकी है। रेलवे पुलिस का कहना है कि यात्रियों व राहगीरों को जागरुक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसके बाद भी यात्री जान जोखिम में डालकर अवैध रुप से रेलवे ट्रैक को पार करते हैं, जिससे दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।