जेल में बहनों ने भाइयों को बांधी राखी: प्रशासन ने बहनों के लिए राखी, मिठाई व तिलक की व्यवस्था कर बांटी प्यार की मिठास
कैथल: हर साल की भांति इस वर्ष भी जेल प्रशासन भाई-बहन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन को बड़ी धूमधाम से मनाने जा रहा है। अपने भाई को राखी बांधने आई बहनों के लिए जेल प्रशासन द्वारा राखी, मिठाई व तिलक की व्यवस्था की गई। वैसे तो राखी का मुहूर्त दोपहर 1.33 बजे के बाद का था, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के कारण बहनों ने बिना मुहूर्त ही उनके भाइयों को राखी बांधी।
राखी बांधने आई बहनों ने सुबह 7.30 बजे से शाम 4 बजे तक लम्बी लाइनों में लगाकर अपनी बारी का इंतजार किया। सुरक्षा जांच के बाद बहनों को जेल के अंदर प्रवेश दिया गया। कई महीनों बाद जेल में बंद भाइयों से मिलकर और माथे पर तिलक करते ही बहन-भाई दोनों के आंसू छलक आए। जेल में ही बनी मिठाई से बहन और भाइयों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। जेल प्रशासन ने बाहर से कोई भी मिठाई अंदर नहीं लाने दी। बंदी भाइयों को राखी बांधने आने वाली बहनों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए जेल के मेन गेट में आमने-सामने खुली मुलाकात करवाई गई। इनमें करीब 500 बन्दियों को उनकी बहनों से व महिला बंदियों से उनके भाईयों को राखी बंधवाई गई।
वहीं जेल अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि जेल में बंद पुरुष व महिला बंदी उनके मौलिक अधिकार से वंचित न रहें। इसके साथ त्यौहार के माध्यम से जेल में बंद बंदियों के अंदर अपराध बोध की भावना को कम करने और परिवार की दूरी के कारण मन में पैदा हुई निराशा व तनाव को दूर करने के लिए जेल में सौहार्दपूर्ण वातावरण उपलब्ध करवाया। इस मौके पर सुरेन्द्र कुमार उप-अधीक्षक जेल, नरेश कुमार सहायक अधीक्षक जेल, बलजीत सिंह उप-सहायक अधीक्षक जेल, जेल के कर्मचारी मौजूद रहे।
जेल में बंद दो बहनों ने जेल में ही बंद भाई को बांधी राखी
एक ही केस में अपनी दो बहनों संग जेल बंद एक भाई ने राखी बंधवा रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। जेल प्रशासन द्वारा उनको जेल में ही राखी बंधवाई गई। जिससे जेल में बंद बहनों का त्योहार फीका नहीं रहा। कलायत क्षेत्र के एक गांव का पवन अपनी बहन विमल और सिमल के साथ किसी केस में बंद है। जैसे ही दोनों बहने अपने भाई को राखी बांधने मेन गेट में आमने-सामने आई तो दोनों बहनों और भाई की आंखों से आंसू आ गये और तीनों वहीं फबक फबक कर रोने लगे। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आँखों में आँसू आ गये।
ऐसा दिन कोई भी बहन नहीं चाहेगी देखना
सुमन जेल में बंद अपने भाई को राखी बांधने आई सुमन ने बताया कि एक तरफ तो उन्हें इस बात की खुशी है कि वे आज अपने भाई को राखी बांध रही हैं, लेकिन उन्हें इस बात की निराशा भी है कि यह पवित्र तौहर जेल में मनाना पड़ रहा है, ऐसा दिन कोई भी बहन नहीं देखना चाहती जिसे राखी बांधने के लिए जेल जाना पड़े।
युवाओं को अपराध की दुनिया से रहना चाहिए दूर: अशोक कुमार
जेल अधीक्षक अशोक कुमार ने सभी बन्दियों को बधाई दी और बताया कि रक्षाबन्धन का त्यौहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए, क्योंकि जो युवा अपराध करने के लिए जेल जाता है, उसके बाद उसका परिवार जेल से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर होता है, इसलिए युवाओं को अपराध से दूर रहना चाहिए। जेल प्रशासन द्वारा बड़े ही सौहार्द पूर्ण माहौल में सभी बन्दियों को राखी बन्धवाई गई।