निजी बस में चढ़ रही छात्रा का फिसला पैर, वाहन रोकने की बजाय घसीटते हुए ले गया चालक

गांव खरक पांडवा से निजी बस के जरिए कलायत शहर के सरकारी स्कूल जा रही 12वीं कक्षा की छात्रा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। इस रूह कंपा देने वाली घटना में छात्रा कर्मजीत काफी देर तक खुद की जिंदगी बचाने के लिए खिड़की से लटक कर आफत से...
 

कलायत : गांव खरक पांडवा से निजी बस के जरिए कलायत शहर के सरकारी स्कूल जा रही 12वीं कक्षा की छात्रा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। इस रूह कंपा देने वाली घटना में छात्रा कर्मजीत काफी देर तक खुद की जिंदगी बचाने के लिए खिड़की से लटक कर आफत से जूझती रही। 

आरोप है कि इसके बाद भी बस चालक-परिचालक ने काफी दूर तक बस को नहीं रोका। इसके चलते छात्रा को स्कूल में पढ़ने की बजाय सरकारी अस्पताल का बिस्तर मिला। घटना को लेकर परिवार के लोगों में भारी गुस्सा है। छात्रा के पिता बिजेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी बेटी कलायत के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा है। मंगलवार को वह अपने गांव से उसके साथ जाने वाली छात्राओं के साथ स्कूल जा रही थी। जैसे ही वह बस में सवार हो रही थी तो उसका पांव फिसल गया। नाजुक स्थिति में फंसी छात्रा बार-बार बस को रोकने की फरियाद लगाती रही। रोकने की बजाय चालक-परिचालक बस को आगे बढ़ाते रहे। न तो वाहन को रोका गया और न ही उसे संभाला गया। परिजनों का आरोप है कि बुरी तरह जख्मी होने के उपरांत बस को रोका गया। परिवार के लोगों का कहना है कि अगर बेटी हिम्मत हार कर बस की खिड़की को छोड़ देती तो उसकी जान जा सकती थी।

सरकार की नीति को लेकर गंभीर नहीं निजी बस संचालक 

छात्रा के पिता विजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। छात्राओंं को बस पास की सुविधा है, लेकिन निजी बस संचालक छात्राओंं की सुविधा को सहन नहीं कर पा रहे। यही वजह है कि बेटी को गंभीर चोटें लगीं। कलायत से उसे कैथल नागरिक अस्पताल में रैफर किया गया है। उन्होंने बेटी के जीवन को खतरे में डालने वाले निजी बस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।