परमाणु शक्ति पर रूस की राह चला ईरान, E3 की मीटिंग से पहले बता दिए मंसूबे
रूस के बाद अब ईरान भी अपनी परमाणु नीति में बदलाव कर सकता है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने E3 देशों (फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन) के साथ बैठक से पहले ये चेतावनी दी है.
ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर IAEA ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में निंदा प्रस्ताव पास किया था, इस प्रस्ताव के पास होने से पहले ही ईरान लगातार अपनी परमाणु नीति में बदलाव की चेतावनी दे रहा लेकिन ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (E3) ने तेहरान की धमकियों को नज़रअंदाज़ कर दिया था.
शुक्रवार को ईरान इन E3 देशों के साथ परमाणु प्रोग्राम को लेकर बातचीत करने जा रहा है, लेकिन इससे पहले विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक बार फिर तेहरान की चेतावनी को दोहराया है. अराघची ने कहा है कि अगर यूरोपीय देशों ने UNSC में दोबारा ईरान पर प्रतिबंध लगाए तो वह अपनी परमाणु नीति में बदलाव कर सकता है.
‘परमाणु नीति में बदलाव कर सकता है ईरान’
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि ‘अगर यूरोपीय देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाते हैं, तो ईरान के भीतर परमाणु बहस परमाणु हथियार हासिल करने की संभावना की ओर बढ़ सकती है.’
उन्होंने कहा कि, ‘ईरान में और ज़्यादातर लोगों के बीच यही बहस चल रही है कि हमें इस नीति को बदलना चाहिए या नहीं, क्योंकि परमाणु सिद्धांत को लेकर अब तक अपनाई गई नीति असल में नाकाफी साबित हुई है.
E3 के साथ अहम बैठक से पहले चेतावनी
जिनेवा में 29 नवंबर को ईरान और तीन यूरोपीय शक्तियों के बीच होने वाली आगामी बैठक का ज़िक्र करते हुए, अराघची ने इसे अनिवार्य रूप से एक ‘विचार-मंथन सत्र’ कहा, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने का कोई रास्ता निकाला जा सकता है?
सेंट्रीफ्यूज में यूरेनियम फीडस्टॉक डालने पर विचार
वहीं दूसरी ओर रॉयटर्स ने IAEA की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि, ईरान ने परमाणु कार्यक्रमों पर नज़र रखने वाली एजेंसी IAEA को जानकारी दी है कि वह फोर्डो में स्थापित 8 IR-6 सेंट्रीफ्यूज कैस्केड में यूरेनियम फीडस्टॉक डालने का विचार कर रहा है, ताकि 5% शुद्धता तक संवर्धित किया जा सके.
ईरान ने IAEA को सूचित किया है कि वह नेतान्ज़ स्थित PFEP में 15 R&D प्रोडक्शन लाइन में 174 IR-4, IR-6, या IR-2M सेंट्रीफ्यूज के मध्यवर्ती और पूर्ण कैस्केड का परीक्षण कर सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने IAEA को बताया है कि वह इन R&D प्रोडक्शन लाइनों में से 6 को स्वतंत्र या कैस्केड के परस्पर जुड़े जोड़े के तौर पर संचालित करने में सक्षम बनाना चाहता है, और ये लाइनें 5% तक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन करेंगी.
परमाणु हथियार बनाने की ओर बढ़ रहा ईरान!
बुधवार को ईरान के परमाणु ऊर्जा संस्थान के मुखिया मोहम्मद इस्लामी ने कहा था कि, ‘हमने हज़ारों एडवांस्ड सेंट्रीफ्यूज में गैस डालना शुरू कर दिया है, जो कि न्यूक्लियर इंडस्ट्री डेवलपमेंट प्रोग्राम का हिस्सा है. हमने इन्हें ऑपरेशनल सर्किट में रखा है.’ इस्लामी के मुताबिक ईरान की ओर से की गई यह कार्रवाई IAEA के निंदा प्रस्ताव का जवाब है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन एडवांस्ड सेंट्रीफ्यूज में गैस डालना यूरेनियम को संवर्धित करने की प्रक्रिया है, जिसे अंत में न्यूक्लियर हथियार विकसित करने में इस्तेमाल किया जा सकता है.