गिरते शेयर बाजार के बीच बिटकॉइन बना रहा रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड, क्या ट्रंप हैं वजह

ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट 3 ट्रिलियन डॉलर के पार चला गया है. वैसे 5 नवंबर के बाद से ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप में 800 बिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. अब बिटकॉइन ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 95 हजार के जादुई नंबर को पार कर लिया है.

 

डिजिटल करेंसी बिटकॉइन ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. इस करेंसी ने पहली बार 95,000 डॉलर का आंकड़ा छू लिया है. शुरुआती एशियाई व्यापार में यह $95,004.50 पर पहुंच गई, जिससे निवेशकों के बीच 1 लाख डॉलर के करिश्माई आंकड़े को पार करने की उम्मीद और मजबूत हो गई है.

क्यों आ रही है इसमें तेजी?

बिटकॉइन की इस जबरदस्त तेजी का मुख्य कारण निवेशकों की यह धारणा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के लिए अनुकूल नीतियां लेकर आएंगे. ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यह वादा किया था कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका को “दुनिया की बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी की राजधानी” बनाएंगे. राष्ट्रपति-चुनाव के इन कदमों को निवेशकों और व्यापारियों ने एक बड़े अवसर के रूप में देखा है. चुनाव के बाद से बिटकॉइन में करीब 40% की वृद्धि हो चुकी है, जो क्रिप्टो बाजार के प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

एसपीआई एसेट मैनेजमेंट के विशेषज्ञ स्टीफन इनेस ईटी से कहते हैं कि यह उछाल बढ़ते विश्वास से प्रेरित है कि डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन क्रिप्टो-फ्रेंडली युग की शुरुआत करेगा. विश्लेषकों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी में रेगुलेशन को आसान बनाने और व्यापक स्वीकृति प्रदान करने की संभावना ने बाजार में निवेश के प्रति एक नई उत्सुकता पैदा की है. इसके चलते अन्य डिजिटल करेंसी, जैसे एथेरियम और लाइटकॉइन भी लाभान्वित हो रही हैं.

इतनी बड़ा है क्रिप्टो का मार्केट

वहीं दूसरी ओर ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट 3 ट्रिलियन डॉलर के पार चला गया है. वैसे बीते 24 घंटे में इसमें 0.42 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.वैसे 5 नवंबर के बाद से ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप में 800 बिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 5 नवंबर को ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप 2.26 ट्रिलियन डॉलर पर था, जो बढ़कर 3.07 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. आने वाले दिनों में इसमें और भी इजाफा देखने को मिल सकता है. खास बात तो ये है कि दुनिया के कई देशों की जीडीपी भी 3 ट्रिलियन डॉलर तक नहीं पहुंच सकी है.