दिल्ली कोचिंग हादसा: मुर्दाघर में नहीं दिखाया चेहरा, बस कागज मिला- नाम लिखा था श्रेया… दिल्ली कोचिंग हादसे का दर्द
दिल्ली के प्रतिष्ठित कोचिंग हादसे में मृत अंबेडकर नगर की छात्रा श्रेया के परिजनों ने कोचिंग मालिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई, बावजूद इसके कोचिंग प्रबंधन ने उन्हें जानकारी तक नहीं दी. यहां आने के बाद भी कोचिंग प्रबंधन की ओर से सही सूचना नहीं दी जा रही है. पुलिस ने इस मामले में कोचिंग मालिक और कोआर्डिनेटर को अरेस्ट कर लिया है.
दिल्ली कोचिंग हादसे में मृत एक छात्रा श्रेया के एक रिश्तेदार ने कोचिंग प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई, उनकी बेटी मर गई, बावजूद इसके कोचिंग वालों ने उन्हें सूचित तक नहीं किया. वह खुद टीवी पर खबर देखकर यहां पहुंचे और मुर्दाघर गए. वहां पर उन्हें बेटी का शव तक नहीं दिखाया गया, बल्कि मामले को पुलिस केस बताते हुए उन्हें महज एक कागज पकड़ा दिया गया, जिसपर उनकी बेटी का नाम लिखा है.
धर्मेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने खबर देखकर कोचिंग में फोन भी किया था, इसमें कोचिंग वालों ने यह तो बताया कि दो छात्रों की मौत हुई है, लेकिन उनकी बेटी का नाम तक नहीं बताया. दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने और इस पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत की खबर सुनकर अंबेडकर नगर से दिल्ली आए धर्मेंद्र यादव ने इस घटना के लिए कोचिंग प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि कोचिंग वालों की लापरवाही से पहले उनकी बेटी की मौत हुई और अब मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.
कोचिंग मालिक हिरासत में
मृत छात्रा श्रेया के रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही दिल्ली पुलिस से आग्रह किया है कि इस मामले में कोचिंग मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाए. उधर, इस मामले में पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक और कोआर्डिनेटर को अरेस्ट कर लिया है.धर्मेंद्र ने कहा कि कायदे से घटना के तत्काल बाद कोचिंग वालों को छात्रों के परिजनों को सूचना देना चाहिए था, लेकिन कोचिंग वालों ने ऐसा नहीं किया.
मुर्दाघर में नहीं दिखाया शव
उन्होंने कि उन्हें भी कोचिंग संस्थान या प्रशासन की ओर से इस घटना की जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि वह खुदटीवी पर खबर देखकर यहां पहुंचे हैं. धर्मेंद्र यादव के मुताबिक यहां आने के बाद वह सबसे पहले मुर्दाघर गए, वहां अपनी बेटी की पहचान कराने को कहा, लेकिन वहां से उन्हें एक कागज पकड़ा दिया गया, जिसपर श्रेया यादव लिखा हुआ था. कहा गया कि यह पुलिस केस है और ऐसे किसी को कोई शव नहीं दिखा जा सकता.
कोचिंग वालों ने भी नहीं दी जानकारी
धर्मेंद्र ने कहा कि उन्होंने तत्काल अपनी बेटी को फोन किया, लेकिन उसका फोन बंद था. इसके बाद उन्होंने कोचिंग के दोनों नंबर पर फोन किया. इसमें एक नंबर तो बंद था और दूसरे पर कॉल रिसीव हुई. इसमें फोन उठाने वाले व्यक्ति ने बताया कि कोचिंग में बचाव कार्य चल रहा है, दो छात्रों की मौत हुई है. हालांकि फोन उठाने वाले ने मृत छात्रों के नाम बताने से मना कर दिया. कहा कि उसे इसके लिए अनुमति नहीं है.