पाकिस्तान से भारत लौटीं गीता ने किया कुछ ऐसा… सब कर रहे तारीफ, सरकार से की ये मांग

23 साल पहले गीता नामक की लड़की गलती से पाकिस्तान पहुंच गई थी. साल 2015 में वो वापस लौटी. मूक-बधिर गीता ने इस साल आठवीं कक्षा की परीक्षा दी थी. ये परीक्षा उन्होंने फर्स्ट डिवीजन से पास कर ली है. अब सरकार से वो नौकरी की मांग कर रही है.

 

पाकिस्तान से भारत लौटीं मूक-बधिर गीता ने आठवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण कर ली है. अब वो सरकार से नौकरी की मांग कर रही हैं. मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की आठवीं कक्षा की परीक्षा में गीता को 600 में से 411 अंक मिले हैं. सामाजिक विज्ञान और संस्कृत में उन्होंने इतने अच्छे अंक हासिल किए हैं कि हर कोई उनकी तारीफ करता नहीं थक रहा.

इंदौर की गैर सरकारी संस्था आनंद सर्विस सोसायटी पाकिस्तान से गीता की वापसी के बाद उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के जतन में जुटी है. संस्था के सचिव और सांकेतिक भाषा के जानकार ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बुधवार को बताया- अपने परीक्षा परिणाम से गीता बेहद उत्साहित हैं और अपने भविष्य की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही हैं. गीता साल 2015 में पाकिस्तान से भारत लौटी थीं. इससे पहले वो पाकिस्तान में ही रह रही थीं.

पुरोहित के मुताबिक, वीडियो कॉल पर इशारों की जुबान में गीता ने उन्हें बताया कि वह सरकारी नौकरी करने के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं. उन्होंने कहा, केंद्र और राज्य सरकारों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास तय की गई है. इस लिहाज से गीता इस वर्ग की सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन की पात्र हो गई हैं.

ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया- गीता का असली नाम राधा है और वह इन दिनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में अपनी मां मीना पांढरे के साथ रह रही हैं. उन्होंने कहा कि गीता का परिवार गरीब है और वह आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ी होने के लिए नौकरी करना चाहती हैं. गीता के मुताबिक अभी वह शादी नहीं करना चाहतीं.

गलती से चली गई थीं पाकिस्तान

गीता बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा पार करने के कारण करीब 23 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गई थीं. पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था. मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था.

26 अक्टूबर 2015 को हुई थी वतन वापसी

तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (अब दिवंगत) के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थीं. इसके अगले ही दिन उन्हें इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था. वर्ष 2021 में महाराष्ट्र में अपने परिवार का पता चलने के बाद गीता इस राज्य में रह रही हैं.