अब हिमाचल ने ‘लाल’ किया टमाटर, क्या फिर जाएगा 100 के पार?

29 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 60 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू करेगा, जिससे खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है. हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि कीमतें फिर से बढ़ेंगी. अगर ऐसा हुआ तो टमाटर 100 रुपए प्रति किलो भी पार कर सकता है.

 

आजादपुर मंडी के व्यापारियों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है. हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के कई बाजारों में टमाटर का मुख्य आपूर्तिकर्ता है. आजादपुर मंडी के थोक सब्जी व्यापारी मनोज कुमार ने कहा कि भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ सड़कों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है, जिससे सप्लाई चेन बाधित होगी.

क्या 100 पार जाएगा टमाटर?

उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन बाधित होने से कीमतें भी बढ़ सकती हैं. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में टमाटर का दैनिक खुदरा मूल्य लगभग 70 रुपए प्रति किलो है, जबकि मुंबई में यह लगभग 80 रुपए प्रति किलो था. टमाटर की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) 29 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 60 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू करेगा, जिससे खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है. हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि कीमतें फिर से बढ़ेंगी. अगर ऐसा हुआ तो टमाटर 100 रुपए प्रति किलो भी पार कर सकता है.

पिछले साल इतनी थी कीमतें

पिछले साल भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण कुछ खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 350 रुपए प्रति किलोग्राम के पार चली गई थीं, जिसके कारण फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स के उत्तर भारत के संचालक को कुछ दुकानों में टमाटर का उपयोग अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था, क्योंकि उनकी गुणवत्ता संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने वाली पर्याप्त मात्रा में टमाटर नहीं थे. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 7 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.

बुधवार को राज्य के कई जिलों में उल्लेखनीय रूप से भारी बारिश देखी गई, जिसमें मंडी जैसे प्रमुख टमाटर उत्पादक क्षेत्र भी शामिल हैं. मानसून के महीनों में आमतौर पर सब्जियों की कीमतों में तेजी आती है, क्योंकि बारिश के कारण कटाई और पैकेजिंग सहित कटाई प्रभावित होती है. बारिश के कारण परिवहन के दौरान अधिक सब्जियां बर्बाद होती हैं, जिससे कीमतों पर असर पड़ता है. हालांकि, इस साल कुछ बाजारों में खासकर दक्षिण भारत में टमाटर की कीमतें जून में ही बढ़ने लगीं.