RAS पास करके चर्चा में आई थी सफाईकर्मी, IAS की कर रही थी तैयारी कि तभी हो गई अरेस्ट

साल 2021 में राजस्थान में एक महिला सफाईकर्मी ने RAS की परीक्षा पास की. लेकिन उन्होंने उस समय अधिकारी की नौकरी ज्वाइन नहीं की. वह बतौर सफाईकर्मी ही अपनी सेवाएं देने लगीं. इस कारण वह खूब चर्चा में भी रही थीं. लेकिन एक बार फिर से वो चर्चा में आई हैं. इस महिला सफाईकर्मी का नाम आशा कंडारा है. इस बार वो जिस काम के लिए चर्चा में आई हैं, उससे सभी लोग हैरान हैं. पुलिस ने उन्हें घूसखोरी के लिए अरेस्ट किया है.

 

जयपुर हेरीटेज में तैनात सफाईकर्मी आशा कंडारा (Asha Kandara) को एसीबी ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार (Arrest) किया है. साथ में उनके बेटे और एक अन्य को भी अरेस्ट किया गया है. आरोप है कि आशा कंडारा सफाई कर्मियों की भर्ती करवाने के नाम पर लोगों से रिश्वत लेती हैं. एसीबीके डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने इस बारे में जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों सूचना मिली थी कि आशा कंडारा, उनका बेटा ऋषभ और दलाल योगेंद्र, सफाईकर्मियों की भर्ती के नाम पर लोगों से रुपए ऐंठ रहे हैं. इस सूचना के आधार पर पाली के बर इलाके से आशा कंडारा के बेटे ऋषभ और दलाल योगेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया. एसीबी की टीम ने आशा कंडारा की कार की तलाशी में पौने दो लाख रुपए नकद बरामद किए. एसीबी की टीम अब आशा कंडारा के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. पता लगाने का प्रयास कर रही है कि सफाईकर्मी की भर्ती के नाम पर इन्होंने कितने लोगों से पैसे ऐंठे हैं.

एसीपी की टीम को सूचना मिली थी कि मंगलवार रात को आशा कंडारा जयपुर से निकली थी. पाली के पास होटल शीतल में आशा कंडारा का बेटा ऋषभ और योगेंद्र चौधरी पैसे लेकर रुके हुए थे. आशा कंडारा होटल पहुंची तो एसीबी की टीम ने दबिश दी और तीनों को मौके से गिरफ्तार किया. एसीबी की पूछताछ में आशा ने बताया कि सफाईकर्मी की भर्ती का सौदा 3 लाख 30 हजार रुपए में किया जाता है. फिलहाल तीनों से पूछताछ जारी है.

आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 में हुआ था चयन

शादी के कुछ साल बाद ही आशा कंडारा अपने पति से अलग हो गई थीं. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आशा ने सफाईकर्मी की भर्ती परीक्षा दी. उन्होंने साल 2018 में आरएएस की भी परीक्षा दी. 12 दिन के बाद ही आशा का चयन सफाईकर्मी के पद पर हो गया. आशा ने ये नौकरी ज्वाइन कर ली. उसके दो साल बाद जब आरएएस परीक्षा का रिजल्ट आया तो आशा कंडारा का इसमें भी चयन हो गया था. उनकी 728वीं रैंक आई थी. लेकिन उन्हें एसडीएम बनना था. जबकि रैंक के हिसाब से उन्हें इंस्पेक्टर का पद मिल रहा था. इसलिए उन्होंने यह नौकरी ज्वाइन नहीं की. लोग आशा के इस फैसले से बेहद हैरान हुए थे. इस कारण वह खूब चर्चा में भी रही थीं. आशा ने उस समय बताया था कि वह आईएएस बनना चाहती हैं और यूपीएससी की तैयारी भी कर रही हैं. अब जब पुलिस ने उन्हें घूसखोरी के लिए गिरफ्तार किया है, तो एक बार फिर से वो चर्चा में आ गई हैं.