सीट बंटवारे से लेकर नीतीश की सेहत तक…बिहार फतह के लिए क्या है NDA का प्लान?

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर एनडीए में सीटों के बंटवारे पर चर्चाएं तेज हैं. लोकसभा चुनाव के फ़ॉर्मूले के आधार पर सीटों का बंटवारा होने की उम्मीद है, जिसमें जदयू को बीजेपी से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. पिछले चुनावों के प्रदर्शन और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सीटों का आवंटन किया जाएगा.

 

बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. एनडीए में सीटों के बंटवारे पर चर्चा चल रही है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के फार्मूले के अनुसार ही बिहार में NDA का टिकट बंटवारा होगा. इसको लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक बातचीत शुरू हो चुकी है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16, एलजेपी ने 5 और हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था. नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को भी चुनावी रणनीति में ध्यान में रखा जा रहा है.

बिहार में सीटों के बंटवारे में पेंच ना फंसे इसलिए सीटों का बंटवारा एकदम आखिर में किया जाएगा. इसके साथ ही लगातार दो बार से हारी जाने वाली सीटों की अदला-बदली भी की जाएगी. मतलब ये की अगर किसी सीट पर बीजेपी पिछले दो चुनावों से लगातार हार रही है तो उस सीट को दूसरे सहयोगी पार्टी को दिया जा सकता है. ताकि वहां जीत की संभावना हो.

कैसा होगा बिहार में सीटों का बंटवारा?

लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू से एक सीट ज्यादा पर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा में जेडीयू बीजेपी से एक-दो ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. सूत्रों के अनुसार जेडीयू 243 में से 102-103 और बीजेपी 101-102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

इसके अलावा बाकी बची करीब 40 सीटें लोक जनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी जाएगी. इसमें बड़ा हिस्सा एलजेपी का होगा, क्योंकि राज्य में उसके पांच सांसद हैं. इस लिहाज से उसे करीब 25-28 सीटें मिल सकती हैं. जबकि हम को 6-7 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें दी जा सकती हैं.

जातिगत समीकरणों पर होगा खास ध्यान

बिहार विधानसभा चुनाव सीट बंटवारे में जाति समीकरण का ध्यान रखा जाएगा. अगर किसी जिले में 5 विधानसभा सीटें है तो ये ध्यान रखा जाएगा कि उस जिले की सीटों के उम्मीदवारों में सभी जातियों का प्रतिनिधित्व हो. ऐसा भी ना हो कि अगल बगल सीटें बीजेपी -जेडीयू लड़ रही हो और दोनों सीटों पर एक ही जाति के उम्मीदवार हो.

नीतीश की सेहत पर नजर

एनडीए सीट बंटवारे और जीत के लिए सीट दर सीट रणनीति बनाई जा रही है. साथ ही एनडीए और विपक्षी गठबंधन के संभावित बागियों की भी पहचान की जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर भी एनडीए का आकलन है कि जितना विपक्ष इसे मुद्दा बनाएगा उतना विपक्ष को नुकसान और एनडीए को सहानुभूति मिलेगी.

कैसा था पिछले चुनावों में सीटों का गणित

बिहार विधानसभा चुनाव में ऐसा पहली बार नहीं है जब सीटों के बंटवारे को लेकर हाई लेवल का मंथन चल रहा हो. लगभग हर चुनाव में ऐसा ही होता आ रहा है. बीजेपी और जेडीयू इससे पहले भी मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2010 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो उस समय जेडीयू ने 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

2015 के चुनाव से पहले नीतीश ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था. उस समय आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ गया था. इस चुनाव में आरजेडी और जेडीयू ने बराबर- बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था. 2020 के चुनाव से पहले एक बार फिर नीतीश ने बीजेपी से हाथ मिलाया था उस समय जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था. पिछले चुनावों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी जेडीयू ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.