प्रयागराज में छात्रों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी, 20000 छात्र बोले- हक मिलने तक नहीं हटेंगे, क्या सरकार मानेगी मांग?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है.

 

यूपी के प्रयागराज में लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर 20 हजार से ज्यादा प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से शुरू होने के बाद से अभी तक भी जारी है. छात्रों ने सोमवार सुबह 10 बजे one shift one exam को लेकर विरोध प्रदर्शन को शुरू किया था. बीती रात प्रदर्शनकारी छात्रों ने कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर आयोग-सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके चलते आयोग के बाहर भारी संख्या में पुलिस, PAC, RAF लगा दी गई. हालांकि इसके बावजूद छात्रों का प्रदर्शन नहीं रुका.

प्रयागराज के DM रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार समेत कुछ अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश भी की थी, लेकिन वो पूरी तरह विफल रहे. चल रहे प्रदर्शन को लेकर लोकसेवा आयोग चौकी प्रभारी ने सिविल लाइंस थाने में अभिषेक शुक्ला और राघवेंद्र नामजद के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसके अलावा मामले में अभी तक 10 लोगों की और पहचान की जा रही है. इन सभी लोगों पर गेट नंबर 2 पर लगे सरकारी बोर्ड, मोबाइल बैरियर को तोड़ने का आरोप है.

यूपी लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है. इस फैसले के खिलाफ छात्र आयोग के गेट नंबर दो पर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक आयोग इस फैसले को वापस नहीं लेगा तब तक राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके और प्रयागराज में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्रों की मांग है कि एक दिन एक शिफ्ट और नो नॉर्मलाइजेशन के तहत दोनों परीक्षाएं ली जाएं, लेकिआयोग अपने फैसले को वापस नहीं ले रहा है. ऐसे में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस परिस्थिति को काबू करने की कोशिश में लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद हालात वैसे ही बने हुए है. छात्रों ने इससे पहले मंगलवार को थाली बजाकर आयोग के खिलाफ विरोध किया था. इसके अलावा छात्रों ने आयोग के मेन गेट पर कालिख से ‘लूट सेवा आयोग’ भी लिख दिया.

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?

नॉर्मलाइजेशन का मतलब किसी चीज को किसी मानक के मुताबिक बनाना होता है. आयोग के फैसले के मुताबिक एक शिफ्ट में शामिल सभी छात्रों का जो स्कोर है उसमें जो सबसे ज्यादा अंक लाएगा उसके नंबर को पर्सेंटाइल माना जाएगा. इसके बाद जितने छात्र उस शिफ्ट में शामिल हुए हैं. उनके नंबर को उससे डिवाइड करेंगे और फिर इनटू 100 करेंगे और जो नंबर आएगा उसे कट ऑफ माना जाएगा.

प्रदर्शन को लेकर सियासत शुरू

छात्रों के प्रदर्शन पर सियासत भी शुरू हो गई है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं. वहीं अखिलेश यादव का कहना है कि योगी बनाम प्रतियोगी छात्र जैसा माहौल है. जब बीजेपी जाएगी, तभी तभी नौकरी आएगी.