इंटरनेट और स्कूल बंद, 21 आरोपी गिरफ्तार, 30 थानों की पुलिस तैनात… संभल हिंसा के बाद अब कैसे हैं हालात?

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए बवाल में पुलिस ने सांसद जिया उर रहमान वर्क समेत 1500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने इस मामले में 21 लोगों को अरेस्ट किया है. पुलिस के मुताबिक इस दंगे में 4 लोगों की मौत हुई है.

 
Sambhal Violence

संभल के जामा मस्जिद में सर्वे के बाद भड़के बवाल में 4 लोगों की मौत के बाद भी हालात तनाव पूर्ण बने हुए हैं. पुलिस ने बवाल में शामिल 1500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए 21 लोगों को अरेस्ट कर लिया है. पुलिस के मुताबिक फिलहाल मौके पर शांति बनी हुई है. हालांकि किसी अन्य अनहोनी को रोकने के लिए जामा मस्जिद के आसपास के इलाके को सील करते हुए 30 थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. इससे पहले प्रशासन ने जिले में इंटरनेट और स्कूल आदि बंद करा दिए हैं. पुलिस ने इसी मामले में संभल के सांसद जियाउर रहमान वर्क और सदर विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है.

संभल एसपी के मुताबिक इस बवाल को लेकर सदर कोतवाली और नखासा थाने में भी मारपीट और पथराव के मामले में 21 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. उधर, जामा मस्जिद के सदर ने प्रेस कांफ्रेंस कर एसडीएम पर उपद्रव करने का आरोप लगाया है. आरोप लगाया कि सीओ और एसडीएम की वजह से मस्जिद के बाहर उपद्रव हुआ. उन्होंने इन दोनों अधिकारियों को शहर की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया. कहा कि सर्वे के दौरान एसडीएम मस्जिद में वुजू का पानी निकालने पर अड़े थे.

सर्वे के बाद शुरू हुआ बवाल

इसकी सूचना बाहर आई तो लोग आक्रोशित हो गए. इसके बाद पुलिस ने सदर और एडवोकेट जफर अली ने को भी हिरासत में ले लिया है. बता दें कि रविवार की सुबह संभल के जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर की टीम पहुंची थी. भारी सुरक्षा के बीच पहुंची इस टीम ने सर्वे तो कर लिया, लेकिन इसी बीच मस्जिद के बाहर अचानक भारी भीड़ उमड़ पड़ी और हंगामा शुरू हो गया. देखते ही देखते भीड़ ने मौके पर तैनात पुलिस पार्टी पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी.

सीओ और इंस्पेक्टर को लगी गोली

हालात नियंत्रण से बाहर जाते देख पुलिस ने भी लाठियां भांजी और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई. वहीं सीओ और एसपी के पीआरओ को गोली लगी है. वहीं पथराव के दौरान भी दर्जनों पुलिसकर्मी और अन्य लोग लोग घायल हो गए. पुलिस और प्रशासन का दावा है कि इस घटना की साजिश पहले से ही रची गई थी. अराजक तत्वों की तैयारी थी कि किसी भी हाल में सर्वे टीम को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देना है. उन्हें उम्मीद थी कि सर्वे टीम 10 बजे के बाद आएगी.

बच्चों को आगे कर किया पथराव

चूंकि सर्वे के लिए यह टीम सुबह सात बजे ही पहुंच गई थी और 10 बजे तक सर्वे कर वहां से निकल भी गई थी. ऐसे में दंगाइयों ने बाद में यहां पथराव और फायरिंग की है. पुलिस के मुताबिक दंगाई अलग अलग ग्रुपों में तीन रास्ते से आए. ये लोग अपने बचाव के लिए बच्चों और महिलाओं को आगे करके पहुंचे थे और उनके पीछे से पत्थर फेंक रहे थे. मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के मुताबिक छतों से भी पथराव और फायरिंग किया गया है.