30000 के बदले में एक लाख के जाली नोट… उन्नाव से दबोचे गए दो जालसाज; हैरान कर देगी इनकी कहानी
उन्नाव पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. ये जालसाज नकली नोट छापकर लोगों को सप्लाई करते थे. साथ ही खुद भी इनका इस्तेमाल करते थे. जानकारी के मुताबिक यह लोग तीस हजार असली नोट के बदले में एक लाख रुपए देने का काम करते थे.
यूपी की उन्नाव पुलिस ने जाली नोट छापकर उन्हें लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में खपाने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. दो जालसाजों के पास से जाली नोट छापने के उपकरण और पांच सौ और सौ रुपए के 1388 जाली नोट बरामद हुए है. दोनों लोग तीस हजार असली नोट के बदले में एक लाख के नकली नोट देते थे. जालसाज लखनऊ के एक कॉम्प्लेक्स में नोट छापने का काम करते थे.
गिरफ्तार लोगों में एक हरदोई तो दूसरा लखनऊ का रहने वाला है. पुलिस के अनुसार औरास पुलिस और एसओजी की टीम रहीमाबाद रोड कटरा तरौना के पास वाहन की चेकिंग कर रही थी. चेकिंग के दौरान सफेद रंग की एक स्विफ्ट कार जिसका गाड़ी नंबर UP 32 KS 8444 है, जिस में संडीला हरदोई के रहने वाले शोएब और लखनऊ के रहीमाबाद रहने वाले फुरकान सवार थे. पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो उसके अंदर से पास पांच सौ रुपए के 394 नोट और सौ रुपए के 988 जाली नोट बरामद की गई. इसके अलावा कार की डिग्गी से नोट छापने में लगने वाले उपकरण मिले जिनको कब्जे में ले लिया गया है.
खर्च करते थे जाली नोट
एसपी दीपक भूकर ने कहा कि इन लोगों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग लखनऊ के दुबग्गा इलाके में स्थित एक कांपलेक्स में कमरा लेकर रहते थे. वहीं कंप्यूटर, प्रिंटर आदि की मदद से पांच सौ और सौ रुपए के नोट छापने का कार्य करते थे. नोट छापने के बाद यह लोग लखनऊ और लखनऊ के आसपास के जिलों में स्थिति बाजार में घूम कर खरीदारी कर नोट को खर्च करने का काम करते थे, इसके अलावा यह लोग नोट की गड्डी में भी नकली नोट लगाकर खर्च करते थे. एसपी ने बताया इनके पास से जब्त किए गए रुपए एक ही सीरीज नंबर के हैं.
तीस हजार असली नोट के बदले देते थे एक लाख नकली नोट
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि यह लोग ऑर्डर मिलने पर नोट छापते थे इसके लिए यह हाई क्वालिटी स्कैनर का प्रयोग करते थे. दीपक भूकर ने बताया कि यह लोग तीस हजार असली नोट के बदले में एक लाख रुपए देने का काम करते थे. एसपी ने कहा कि पूरे मामले की छानबीन की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इन लोगों के साथ और कितने लोग शामिल हैं और अब तक कहाँ कहां जाली नोटों की आपूर्ति की थी