सामने थे जज साहब, वहीं खड़ी थी पुलिस… गाजियाबाद के कोर्ट में पेशी पर आए युवक की बेरहमी से पिटाई

गाजियाबाद की कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या के प्रयास के आरोपी पर करीब डेढ़ दर्जन लोगों ने मारपीट की. आरोपियों ने यह वारदात उस समय अंजाम दिया, जब युवक की जज के सामने पेशी हो रही थी. इस संबंध में कविनगर थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. 

 
उत्तर प्रदेश

गाजियाबाद कोर्ट में घुसकर करीब दर्जन भर लोगों ने हत्या के प्रयास के आरोप में अरेस्ट एक युवक के साथ मारपीट की. इस युवक को पुलिस भारी सुरक्षा में लेकर कोर्ट पहुंची थी. जैसे ही उसे कोर्टरूम में जज के सामने पेश किया गया, आरोपियों ने उनके ऊपर हमला बोल दिया. यह पूरी घटना जज के सामने हुई. हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच बचाव करते हुए घायल आरोपी को अस्पताल पहुंचाया है. वहीं हमला करने वाले आरोपियों को हिरासत में लिया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को टीला मोड़ थाना क्षेत्र के अशोक वाटिका में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. इस मामले में पुलिस ने एक पक्ष के आरोपी नवीन यादव व पुष्पेंद्र को हिरासत में लेकर शनिवार को कोर्ट में पेश किया था. पुलिस इन दोनों आरोपियों को जज के सामने लेकर पहुंची ही थी कि 15 से 20 लोगों ने उसके ऊपर हमला बोल दिया. ऐसे में पुलिस ने बड़ी मुश्किल से आरोपियों के चंगुल से इन दोनों आरोपियों को बचाया और फिर गंभीर चोट की अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया.

शुक्रवार को हुई थी मारपीट

इस मामले में कविनगर थाना पुलिस ने देर रात पीड़ित आरोपी नवीन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है. इसमें नवीन ने बताया कि वह टीला मोड़ थाना क्षेत्र के एक प्लांट से पानी भरकर ई-रिक्शा में सप्लाई करता है. शुक्रवार को भी पानी भरने के लिए प्लांट पर आया था. यहां आरोपियों ने ना केवल उसका ई-रिक्शा छीन लिया, बल्कि मारपीट करते हुए उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया. वहीं पुलिस ने जब उसे कोर्ट में पेश कर रही थी, इस दौरान आरोपियों ने दोबारा उसके ऊपर हमले किए.

कोर्ट में सुरक्षा मजबूत करेगी पुलिस

इधर, कोर्ट रूम में घुसकर पुलिस हिरासत में बंद किसी व्यक्ति पर हमले की घटना को कोर्ट और पुलिस ने गंभीरता से लिया है. एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव के मुताबिक इस मामले में आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर धरपकड़ की कार्रवाई तेज कर दी गई है. इसी क्रम में इस तरह की घटना की पुनरावृति रोकने के लिए कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है.