धनतेरस पर 100 साल बाद बन रहा है ये दुर्लभ संयोग, इस विधि से करें पूजा… चमक उठेगा भाग्य!
अगर आप धनतेरस मनाने की तैयारी कर रहे हैं तो आप इस शुभ संयोगों में धनतेरस का पर्व मना सकते हैं क्योंकि करीब 100 साल इस बार विशेष संयोग बनने जा रहा है. जिसमें खरीदारी और भगवान धनवंतरि की पूजा करना बहुत ही फलदायी माना जा रहा है.
दिवाली से पहले मनाया जाने वाला पर्व धनतेरस इस साल बहुत ही खास माना जा रहा है. इस साल धनतेरस के दिन धनतेरस के दिन त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश महापुरुष राजयोग धाता योग, सौम्य योग सहित कुल सात प्रकार के शुभ योगों का संयोग बनने जा रहा है. जिससे इस साल धनतेरस का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है. इसलिए इस दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, कौरी, कमलगट्टा, धनिया, हल्दी गांठ, मिट्टी के पात्र, सोना, चांदी, पीतल, तांबा, कांसा, स्टील और अष्टधातु के बर्तन, वस्त्र, सजावटी वस्तु, भूमि-भवन, वाहन आदि की खरीदारी शुभ मानी जा रही है.
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस ,साल 100 साल के बाद दुर्लभ शुभ संयोगों के बीच धनतेरस का पर्व पड़ रहा है. धनतेरस के दिन त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश महापुरुष राजयोग धाता योग, सौम्य योग सहित कुल सात प्रकार के अति शुभ संयोग बन रहे हैं. यह संयोग पूरे सौ साल के बाद फिर से पड़ रहे हैं. लक्ष्मी-नारायण योग धनतेरस के दिन वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान रहेंगे. ऐसे में लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा.
धनतेरस पर बन रहा है शुभ संयोग बुध वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे बुध के गोचर से वृश्चिक राशि में धनलक्ष्मी योग बन गया है. यह बेहद कल्याणकारी रहने वाला है. इस राशि में पहले से शुक्र विराजमान है. वृश्चिक राशि में बुध के गोचर से इस राशि में बुध तथा शुक्र की युति बनेगी. इससे धन लक्ष्मी योग या लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा. धन लक्ष्मी योग बहुत ही कल्याणकारी होता है. कुण्डली में ऐसे योग अति शुभ की श्रेणी में आते हैं. बुध और शुक्र के प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन में अच्छा लाभ मिलता है. उन्हे धन की कमी नहीं होता है बुध को वाणी का ग्रह कहा जाता है बुध वाणी के साथ व्यापार में लाभ देते है.
शुभ योगों का ये है समय
पंचांग के अनुसार, इंद्र योग 28 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 47 मिनट से लग चुका और 29 अक्टूबर को, सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इसी तरह से त्रिपुष्कर योग 6 बजकर 51 मिनट से 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.
ऐसे कर सकते हैं पूजन
पूजा के स्थान पर धनतेरस के दिन शाम कुबेर देव और माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. उसके बाद धन्वंतरि देवता, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें और आरती उतारें. दीपक जलाने के बाद उन्हें फल और फूल चढ़ाएं. फिर माता लक्ष्मी और कुबेर देव को उनका प्रिय भोग लगाएं और उस भोग को प्रसाद के रूप में परिवार के लोगों को बांटें.
धनतेरस का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिन्दू धर्म में धनतेरस के दिन सोना-चांदी से बने आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. इससे घर में बरकत व खुशहाली बनी रहती हैं. धनतेरस के दिन लक्ष्मी चरण को घर लाना और भी लाभकारी माना जाता है. मान्यता है कि मां लक्ष्मी के चरणों को घर में लाना उन्हें घर में निमंत्रण देने के समान होता है. इससे देवी प्रसन्न होती हैं. धनतेरस के दिन खड़ा धनिया खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है. इसे घर लाने के बाद धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के चरणों में अर्पित से व्यापार में धन लाभ के योग बनते हैं.
मत्स्य पुराण के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में बरकत होती हैं. हिंदू धर्म में झाडू़ को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. इसकी खरीदारी से आर्थिक लाभ की संभावना बनी रहती हैं. धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदना बेहद शुभ होता है. इससे परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है.