ज्येष्ठ माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और नियम

ज्येष्ठ मास का दूसरा प्रदोष व्रत बेहद विशेष है. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा करने का विधान है. ऐसे में आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास के प्रदोष व्रत की डेट से लेकर नियम तक की सभी जानकारी.

 
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ज्येष्ठ मास की त्रयोदशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन देवों के देव महादेव भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना प्रदोष काल में करने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशहाली का आगमन होता है. प्रदोष व्रत के कुछ नियम भी होते हैं जैसे इस दिन भगवान शिव को भूलकर भी सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी का फूल और नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास के प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में…..

प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Date and time)

  1. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 19 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट से होगा.
  2. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की समाप्ति- 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगी.
  3. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 20 जून को प्रदोष व्रत किया जाएगा.

प्रदोष व्रत पूजा सामग्री (Pradosh Vrat Puja Samagri)

चौकी, धतूरा, शमी के फूल, सफेद चंदन, लाल या पीला गुलाल, अक्षत, कपूर, धूपबत्ती, धागा, कलावा, फल, फूल, मिठाई, फूलमाला, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, शिव चालीसा, पंचमेवा, घंटी, शंख, हवन सामग्री और श्रृंगार का सामान पूजा सामग्री में शामिल करें.

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहन लें.
  • इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें.
  • इसके बाद शाम के समय प्रदोष काल में चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा रखें.
  • भगवान शिव को शमी के फूल, धतूरा और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं.
  • फिर भगवान शिव को फूलमाला अर्पित करें और माता पार्वती का श्रृंगार करें.
  • प्रदोष व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती के साथ श्री गणेश की भी पूजा करनी चाहिए.
  • अंत में आरती करें और भगवान शिव को दही, फल और किसी भी मिठाई का भोग लगाएं.

प्रदोष व्रत के नियम (Pradosh Vrat Niyam)

  • इस दिन शराब, मांस, प्याज, लहसुन, तामसिक चीजें नहीं खानी चाहिए.
  • प्रदोष व्रत के दिन किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए.
  • इस दिन देर तक सोना नहीं चाहिए.
  • व्रत करने वाले भक्त को अन्न, चावल और नमक नहीं खाना चाहिए.
  • प्रदोष व्रत वाले दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए.
  • प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी और नारियल का पानी गलती से भी न चढ़ाएं.
  • प्रदोष व्रत के दिन महिलाओं को शिवलिंग को छूना नहीं चाहिए.