हरियाणा की सियासत के 58 साल, निर्दलीय विधायकों ने किया है कमाल!
चंडीगढ़ : दूध-दही के खाने के मामले में तो हरित प्रदेश हरियाणा की पहचान है ही वहीं सियासत के लिहाज से भी इस प्रदेश का अपना ही एक खास इतिहास है। चुटीले चुटकलों व तंज रूपी कहावतों के जरिए बेबाकी से हरियाणवीं अंदाज में अपनी बात रखने वाले प्रदेश के लोगों के उदाहरण जिस प्रकार बातचीत को रोचक बनाते हैं, कमोबेश राजनीति के गलियारों के भी ऐसे ही किस्से-कहानी हैं। हरियाणा के गठन से लेकर अब तक के 58 सालों के सियासी इतिहास में अनेक रोचक एवं अनूठे तथ्य प्रदेश की सियासत से जुड़े हुए हैं। इस इतिहास के पन्नों को जैसे जैसे पलटते जाएंगे तो हर पन्ने पर एक दिलचस्प तथ्य उभर कर सामने आएगा। बैंकि प्रदेश की इन 90 विधानसभा सीटों में से कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पर बड़े ही दिलचस्प रिकॉर्ड बने।
उदाहरण के रूप में आदमपुर विधानसभा सीट पर 1968 से लेकर अब तक चौ. भजनलाल परिवार ने सर्वाधिक 16 चुनावों में जीत प्राप्त की है तो चौ. देवीलाल और उनके बड़े बेटे चौ. ओमप्रकाश चौटाला 5 अलग- अलग विधानसभा क्षेत्रों से विधायक चुने गए हैं। दिलचस्प तथ्यों को समेटे हुए एक ऐसी ही विधानसभा सीट है पुंडरी। पुंडरी में 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 सामान्य विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक 7 बार आजाद विधायक निर्वाचित हुए हैं। इनमें दिनेश कौशिक 2 बार पुंडरी से आजाद विधायक बने हैं। वर्तमान में भी पुंडरी से रणधीर सिंह आजाद विधायक हैं।
गौरतलब है कि साल 1968 में पुंडरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार ईश्वर सिंह ने 14211 वोट लेते हुए कांग्रेस प्रत्याशी तारा सिंह को कड़े मुकाबले में 438 वोटों के अंतर से पराजित किया था। इसके बाद लंबे अंतराल तक इस सीट से आजाद उम्मीदवार चुनाव तो लड़ते रहे, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। 1996 से लेकर 2019 तक लगातार 6 चुनावों में 23 वर्षों तक लगातार निर्दलीय उम्मीदवारों ने ही पुंडरी विधानसभा सीट से जीत का परचम लहराया। 1996 में आजाद उम्मीदवार नरेंद्र शर्मा ने 21 हजार 542 वोट लेते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार ईश्वर सिंह को 1231 वोटों के अंतर से हरा दिया। साल 2000 में निर्दलीय प्रत्याशी तेजवीर सिंह ने 21 हजार 559 वोट लेते हुए आजाद उम्मीवार नरेंद्र शर्मा को करीब 1800 वोटों के अंतर से पराजित कर दिया। इसी तरह से साल 2005 में निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश कौशिक ने 33 हजार 24 वोट लेते हुए इनैलो के उम्मीदवार नरेंद्र शर्मा को 8 हजार 26 वोटों के अंतर से हराया।
इसी प्रकार साल 2009 में आजाद प्रत्याशी सुल्तान सिंह ने 38 हजार 929 वोट लेते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार दिनेश कौशिक को 4 हजार 51 मतों के अंतर से हराया। 2014 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश कौशिक ने 38 हजार 312 वोट प्राप्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रणधीर सिंह को 4 हजार 832 चोटों के अंतर से पराजित किया। 2019 में पुंडरी से रणधीर सिंह बतौर आजाद उम्मीदवार विधायक चुने गए। रणधीर सिंह ने 12 हजार 824 बोटों के अंतर से जीत हासिल की।