फरीदाबाद की मोहना मंडी में किसानों ने जड़ा ताला, सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
फरीदाबाद की सबसे बड़ी अनाज मंडी मोहना मंडी को किसानों ने अपनी फसल का भुगतान न होने के चलते ताला जड़ दिया और सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी फसल का उन्हें 24 घंटे के भीतर भुगतान नहीं किया गया तो मंडी का ताला नहीं खुलेगा।
Apr 19, 2024, 13:39 IST
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फरीदाबाद की सबसे बड़ी अनाज मंडी मोहना मंडी को किसानों ने अपनी फसल का भुगतान न होने के चलते ताला जड़ दिया और सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी फसल का उन्हें 24 घंटे के भीतर भुगतान नहीं किया गया तो मंडी का ताला नहीं खुलेगा।
बता दें कि फरीदाबाद की सबसे बड़ी मोहना मंडी है, जहां पर न केवल हरियाणा के किसान अपना गेहूं लेकर आते हैं बल्कि यूपी के किसान भी इस मंडी में अपना गेहूं लेकर पहुंचते हैं। किसानों के सामने एक बड़ी समस्या आ रही है। किसानों ने बताया कि मंडी में लगभग 10 लाख गेहूं से भरे कट्टे पड़े हैं, लेकिन सरकार की असफलता के चलते इन गेहूं के कट्टों का उठान नहीं हो रहा। सरकार ने पॉलिसी बनाई हुई है कि जब तक गेहूं का उठान नहीं हो जाएगा तब तक किसान को उसका भुगतान नहीं दिया जाएगा। यह पॉलिसी सरासर गलत है किसानों ने कहा कि इसी फसल के सहारे ही अपने बच्चों का स्कूलों में एडमिशन व शादी विवाह आदि कराते हैं और उन्हें भुगतान न होने के चलते उनके बच्चों का स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। एक किसान तो मंडी में शादी का कार्ड लेकर पहुंचा और कार्ड दिखाते हुए बताया कि उनके घर में शादी है। बेटी की शादी के लिए उन्हें पैसे चाहिए थे, जिसके लिए उन्होंने अपनी पूरी मेहनत की कमाई यानी गेहूं की फसल को मंडी के आढ़तियों के हाथों में सौंपी थी, लेकिन उसे अभी तक एक भी रुपया नहीं दिया गया है। उसे मजबूरन अपने खेत बेचने पड़ सकते हैं।
बता दें कि फरीदाबाद की सबसे बड़ी मोहना मंडी है, जहां पर न केवल हरियाणा के किसान अपना गेहूं लेकर आते हैं बल्कि यूपी के किसान भी इस मंडी में अपना गेहूं लेकर पहुंचते हैं। किसानों के सामने एक बड़ी समस्या आ रही है। किसानों ने बताया कि मंडी में लगभग 10 लाख गेहूं से भरे कट्टे पड़े हैं, लेकिन सरकार की असफलता के चलते इन गेहूं के कट्टों का उठान नहीं हो रहा। सरकार ने पॉलिसी बनाई हुई है कि जब तक गेहूं का उठान नहीं हो जाएगा तब तक किसान को उसका भुगतान नहीं दिया जाएगा। यह पॉलिसी सरासर गलत है किसानों ने कहा कि इसी फसल के सहारे ही अपने बच्चों का स्कूलों में एडमिशन व शादी विवाह आदि कराते हैं और उन्हें भुगतान न होने के चलते उनके बच्चों का स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। एक किसान तो मंडी में शादी का कार्ड लेकर पहुंचा और कार्ड दिखाते हुए बताया कि उनके घर में शादी है। बेटी की शादी के लिए उन्हें पैसे चाहिए थे, जिसके लिए उन्होंने अपनी पूरी मेहनत की कमाई यानी गेहूं की फसल को मंडी के आढ़तियों के हाथों में सौंपी थी, लेकिन उसे अभी तक एक भी रुपया नहीं दिया गया है। उसे मजबूरन अपने खेत बेचने पड़ सकते हैं।