अधिकारियों की तबादला लिस्ट में दिखा गब्बर की नाराजगी का असर, सांसद का फोन नहीं उठाने वाला SDM हटाया

सांसद का फोन नहीं उठाने वाले एसडीएम भी बदले
अधिकारियों की तबादला लिस्ट में भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी का फोन नहीं उठाने वाले एसडीएम का भी नाम है। बाढ़डा में तैनात एसडीएम सुरेश कुमार ने 2 सप्ताह पहले सांसद का फोन नहीं उठाया था। उस पर सांसद ने उनके कार्यालय पहुंचकर फटकार लगाई थी। अब बाढ़डा के एसडीएम सुरेश कुमार को रतिया भेजा गया है। उनके स्थान पर जगदीश चंद्र को बाढ़ड़ा का नया एसडीएम बनाया गया है।
किरण चौधरी ने लगाई थी फटकार
बता दें कि बीते 22 जनवरी को राज्यसभा सांसद एवं भाजपा वरिष्ठ नेत्री किरण चौधरी चरखी दादरी जिले के गांव जगरामबास में एक शादी-समारोह में शिरकत करने के लिए पहुंची थी। जहां ग्रामीणों ने उनके समक्ष गली में दूषित जलभराव की समस्या रख समाधान की गुहार लगाई। किरण चौधरी ने मौके से ही बाढ़डा एसडीएम सुरेश कुमार को फोन लगाया, लेकिन कई बार कॉल करने के बाद भी एसडीएम द्वारा फोन कॉल रिसीव नहीं किया, तो सांसद गुस्सा हो गई और सीधे बाढड़ा एसडीएम कार्यालय पहुंचे गई।
इस दौरान उन्होंने एसडीएम को फटकार लगाते हुए खरी-खोटी सुनाई और जनता के काम करने की नसीहत दी। इस दौरान एसडीएम सफाई देते नजर आए कि वे कोर्ट लगाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इस घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
सुर्खियों में थे बाढ़डा एसडीएम
राज्यसभा सांसद किरण चौधरी का फोन नहीं उठाने से पहले भी बाढ़डा एसडीएम सुरेश कुमार सुर्खियों में थे। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में कादमा सरपंच प्रतिनिधि महेश फौजी ने एसडीएम पर दुर्व्यवहार करने, कार्यालय से बाहर निकालने और पुलिस बुलाकर अंदर करवाने की धमकी देने के आरोप लगाए थे। इस घटना के बाद कादमा के ग्रामीणों में भारी रोष देखने को मिला था और उन्होंने पंचायत का आयोजन कर एसडीएम के तबादले की मांग की थी। वहीं क्षेत्र के सरपंच और बीडीसी ने भी झोझू खंड कार्यालय पर एकत्रित होकर सरपंच प्रतिनिधि के साथ किए गए व्यवहार को लेकर एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी कर उनसे माफी मांगने की बात कही थी। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के जिला सचिव द्वारा एसडीएम के खिलाफ कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजी गई थी। ऐसे में पिछले कईं दिनों से उनका तबादला होने के कयास लगाए जा रहे थे।
फेरबदल के पीछे यह भी कारण
प्रदेश में 8 अक्टूबर 2024 को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। इसमें भाजपा 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत तो ले आई, लेकिन तब कई भाजपा उम्मीदवारों ने कहा था कि अफसरों ने उन्हें हराने का काम किया। खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी अधिकारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार बनने के बाद 100 दिन भी कोई बड़ा एक्शन नहीं हुआ। इसे लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने भी सवाल खड़े किए थे। अब एक साथ भारी संख्या में फेरबदल कर सरकार ने एक तीर से कईं निशाने साधने का काम किया है।