हरभजन सिंह ने मनोहर लाल से की मुलाकात, BBMB हॉस्पिटल तलवाड़ा पंजाब को अपग्रेड करने की मांग की
दिल्ली : राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में हरभजन सिंह ने बीबीएमबी हॉस्पिटल तलवारा पंजाब को अपग्रेड करने की मांग की। बता दें कि पिछले दिनों हॉस्पिटल का मुद्दा भी संसद भवन के अंदर उठा था। इस मुलाकात में पंजाब के कई मुद्दों की बात हुई।
हरभजन सिंह ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल को पत्र जारी कर कहा कि मुझे आशा है कि मेरा पत्र आपको स्वस्थ और उत्साहित पाएगा। मैं आपको पंजाब के लोगों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए आपके अनुकूल विचार की अपेक्षा कर रहा हूं। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला बीबीएमबी अस्पताल तलवाड़ा, पौंग बांध के निर्माण के समय बनाया गया था। उस समय इस अस्पताल में कई किलोमीटर दूर से मरीज इलाज के लिए आते थे। इस अस्पताल ने कई लोगों को मौत के मुंह से बचाकर नया जीवन दिया है।
हालांकि समय के साथ हुई लापरवाही के कारण बीबीएमबी अस्पताल तलवाड़ा का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। डॉक्टरों, कर्मचारियों और स्वास्थ्य उपकरणों की कमी के कारण इस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले 90-95 प्रतिशत मरीजों को पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर कर दिया जाता है, जो 250 से 300 किलोमीटर की दूरी पर है। इनमें से कुछ मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं, यहां तक कि जो मरीज पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचते हैं, उन्हें वहां भीड़भाड़ के कारण वापस भेज दिया जाता है या फिर उन्हें इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर लेटाकर इलाज करवाना पड़ता है। जिस तरह केंद्र सरकार भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए देश के कई हिस्सों में एम्स बना रही है। उसी तरह पंजाब के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इस बीबीएमबी अस्पताल को एम्स या पीजीआई सैटेलाइट में तब्दील करने की जरूरत है, ताकि पंजाब, हिमाचल और जम्मू कश्मीर के लोग इस अस्पताल में अपना इलाज करा सकें। एम्स या पीजीआई सैटेलाइट बनाने के लिए बीबीएमबी तलवाड़ा में पहले से ही बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। तलवाड़ा में 100 बैड का अच्छा बीबीएमबी अस्पताल बना हुआ है। इस अस्पताल के पास केंद्र सरकार की कई सौ एकड़ जमीन खाली पड़ी है। अस्पताल के कर्मचारियों के लिए करीब 2500 सरकारी आवास खाली पड़े हैं। अस्पताल को चलाने के लिए 24 घंटे बिजली, पानी और सीवरेज की व्यवस्था है। इन सबके चलते एम्स या पीजीआई बनाने की लागत बहुत कम आएगी।