हरियाणा: 2019 में चयनित बिजली निगम के 2400 शिफ्ट अटेंडेंट पर लटकी तलवार, HC ने नियुक्त किया स्थानीय आयुक्त
हरियाणा के बिजली निगमों में 2019 में चयनित करीब 2400 शिफ्ट अटेंडेंट के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इन सभी शिफ्ट अटेंडेंट के चयन रिकार्ड की समीक्षा के लिए एक स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया है।
चंडीगढ़: हरियाणा के बिजली निगमों में 2019 में चयनित करीब 2400 शिफ्ट अटेंडेंट के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इन सभी शिफ्ट अटेंडेंट के चयन रिकार्ड की समीक्षा के लिए एक स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया है। आरोप है कि आयोग ने इन पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त होने के बाद भी चयन मानदंड बदल दिए थे।
कोर्ट की रजिस्ट्री के पास पूरा रिकॉर्ड
बता दें कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड में चयनित और नियुक्त किए गए उम्मीदवारों से संबंधित पूरा रिकार्ड पहले ही हाई कोर्ट ने तलब कर लिया था, जिसके बाद से पूरा रिकार्ड हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के पास है। इस भारी भरकम रिकार्ड में करीब 38 ट्रंक और दो बड़ी अलमारियां हैं।
इन्हें बनाया स्थानीय आयुक्त
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने एडवोकेट तेजिंदर बीर सिंह को स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया है। सभी पक्ष इन पदों के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा की गई भर्ती के रिकार्ड का निरीक्षण करेंगे और स्थानीय आयुक्त इस विशेष मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे कि क्या चयनित और नियुक्त उम्मीदवारों को जीएसए/एएसएसए/जीएसओ/एसएसए और जेई/लाइनमैन/वायरमैन और इलेक्ट्रीशियन के पद पर अनुभव का लाभ दिया गया था। वह यह भी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे कि क्या उन्होंने एचएसएससी को अपने आवेदन जमा करने के समय अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया था या नहीं, यदि नहीं, तो किस समय उन्होंने प्रतिवादी-आयोग को प्रमाण पत्र संलग्न/प्रदान किए थे। स्थानीय आयुक्त को यह भी रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है कि उपरोक्त अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने की तारीख क्या थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या आयोग ने चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीएसए/एएसएसए/जीएसओ/एसएसए/जेई/लाइनमैन/वायरमैन और इलेक्ट्रीशियन के पद पर अनुभव का लाभ देकर उन चयनित उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र स्वीकार किए हैं।
हाईकोर्ट ने लोकल कमिश्नर के लिए 200000 रुपए फीस तय की है, जिसे एचएसएससी और याचिकाकर्ता बराबर-बराबर वहन करेंगे। कोर्ट ने एचएसएससी को कंप्यूटर का ज्ञान रखने वाला एक स्टेनोग्राफर, लोकल कमिश्नर और उसकी जरूरत के मुताबिक अन्य ऑपरेशनल सहायता मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है। शिफ्ट अटेंडेंट के 2426 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा 29 मई, 2016 को हुई थी और इसका रिजल्ट 30 अप्रैल, 2017 को घोषित किया गया था। इसके बाद सफल उम्मीदवारों को 5-11 मई, 2017 को दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया था। इंटरव्यू 24-29 अगस्त, 2017 को हुए थे। याचिका के अनुसार, मूल रूप से एचएसएससी ने केवल उन उम्मीदवारों के लिए अनुभव के आधार पर अंक दिए थे, जिन्होंने हरियाणा बिजली कंपनियों में अनुबंध या इसी तरह की अन्य क्षमता के तौर पर शिफ्ट अटेंडेंट के तौर पर काम किया था। हालांकि, आरोप यह है कि आयोग ने ने जीएसए/एएसएसए/जीएसओ/एसएसए और जेई/लाइनमैन/वायरमैन और इलेक्ट्रीशियन सहित अन्य पदों पर काम करने वाले सभी लोगों के लिए अंक प्रदान करने के मानदंड बदल दिए थे। यहां तक कि जब हाई कोर्ट ने पूछा, तब भी आयोग ने अनुभव के लिए अंक देने के संबंध में सितंबर 2017 में लिखा एक पत्र प्रस्तुत किया। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग के पत्र को देखते हुए हाई कोर्ट ने पूरे चयन रिकॉर्ड को सील करने का आदेश दिया था।इस मामले में सिरसा निवासी सुभाष चंद्र व अन्य ने चयन प्रक्रिया के बीच चयन मानदंड बदलने का आरोप लगाते हुए भर्ती रद्द करने की मांग की है।