अगर आपने भी चुनावों से पहले असला नहीं करवाया जमा, तो पढ़ लें ये जरूरी खबर...

लोकसभा चुनाव से पहले थानों में हथियार जमा न करवाने वाले असला धारकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जिनपर कार्रवाई करने के लिए संबधित विभाग द्वारा इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है।
 
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लोकसभा चुनाव से पहले थानों में हथियार जमा न करवाने वाले असला धारकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जिनपर कार्रवाई करने के लिए संबधित विभाग द्वारा इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। जिनको पहले नोटिस देकर असला जमा न करने का कारण पूछा जाएगा। अगर जवाब से उपायुक्त संतुष्ट नहीं हुए तो इसके बाद लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिले के 200 से अधिक असला धारकों ने अपने हथियार संबंधित थानों में जमा नहीं करवाए। चुनाव से पहले जिला प्रशासन द्वारा बार-बार कहने के बाद भी जिन्होंने आदेशों को दरकिनार किया। इनमें ऐसे लोगों के नाम भी है जो शहर छोड़ कर कहीं और चले गए। इसके साथ बैंक सुरक्षाकर्मी और कुछ ऐसे भी धारक है जिन्होंने अपना पता बदल लिया है। प्रशासन अब हथियार जमा न करवाने वालों के लाइसेंस रद्द करने की तैयारी में है।

बता दें कि जिले कुल 7123 असला धारक हैं। चुनाव से पहले थानों या निजी गन हाऊस में लगभग 95 फीसदी हथियार जमा हुए हैं। जबकि 200 के करीब लाइसेंस धारकों ने अपने हथियार जमा नहीं करवाए थे। इनमे सुरक्षा गार्ड से लेकर वो लोग भी शामिल हैं जिनको जान से मारने की धमकी मिली हुई है।  इनमे से 115 के करीब लोगों ने हथियार रखने के लिए जिलाधीश से छूट मांगी थी। जिनमे से केवल 67 धारकों को ही असला रखने की अनुमति मिली है।

15 दिन का नोटिस जारी कर मांगा जाएगा जवाब

हथियार जमा न करवाने वाले धारकों को शस्त्र अधिनियम के तहत 15 दिन का नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। जिसमे असला धारक को बताना होगा की उनके द्वारा किस कारण से हथियार जमा नहीं करवाया गया, यदि उपायुक्त उनके जवाब से संतुष्ट हुए तो ठीक, नहीं तो इस सूरत में लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।

लाइसेंस कैंसिल होने के कमिश्नर के पास होगी अपील

डीसी द्वारा लाइसेंस कैंसिल करने के बाद असला धारक शस्त्र अधिनियम के तहत कमिश्नर के पास अपनी अपील दायर कर सकता है। कैथल जिले का कमिश्नर करनाल बैठता है। जिसके द्वारा असला धारक को सुनवाई का मौका दिया जाता है। यदि असला धारक कमिश्नर को हथियार जमा न करवाने के कारण से संतुष्ट कर देता है, तो उसका लाइसेंस दोबारा से बहाल कर दिया जाता है। अमूमन चुनाव संबंधित मामलों में लाइसेंस बहाल होने की उम्मीद बहुत कम होती है।

ए.आर.ओ एवं एस.डी.एम सुशील कुमार ने कहा कि जिन्होंने हिदायत जारी करने के भी चुनाव से पहले हथियार जमा नहीं करवाए है। उन्हें नोटिस देने के बाद असला रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।