ऐतिहासिक गांव कंडेला में निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गिल का जोरदार स्वागत, जीत का बुजुर्गों ने दिया आशीर्वाद
ऐतिहासिक गांव कंडेला में निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गिल का युवाओं व बुजुर्गों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। गिल ने चुनाव प्रचार से पहले भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व गांव कंडेला के सम्मानित बैल वाले मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया।
जींद : ऐतिहासिक गांव कंडेला में निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गिल का युवाओं व बुजुर्गों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। गिल ने चुनाव प्रचार से पहले भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व गांव कंडेला के सम्मानित बैल वाले मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया।
गिल गांव कंडेला में विशाल जनसभा को किया संबोधित
जींद विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गिल ने कहा कि मैंने कोई कमाल नहीं किया। कमाल इस सरदारी ने किया। कमाल इस भाई ने किया, कमाल इस नौजवान ने किया, कमाल मारे चाची ने किया, जिन्होंने एक फैसला किया कि इस बार उन लोगों को नकारना है जिन्होंने जींद के साथ खिलवाड़ किया है। जिन्होंने जींद की जनता को सिर्फ वोट देने का मात्र साधन मान लिया है। प्रदीप गिल ने कहा कि जिन्होंने सिर्फ भीड़ का साधन मान लिया है, जिन्होंने ये मान लिया है कि चुनाव तक ये भीड़ उनके पीछे रहे। फिर उनके दरवाजे कभी ना जाए। इस बात से लोगों ने उन्हें नकारने का काम किया है और नकार के उन लोगों ने आज ये दिखा दिया कि अपना भाई अपना बेटा, उन्हें कितना प्यारा है।
पत्रकार का सवाल: तो आज दो राजनीतिकों पर भी आपने निशाना साधा है।
गिल ने कहा तो किसपे साधु और उन्हीं पे साधु, सुनो इस जींद को कठपुतली बना करके मतलब वो उसने हरा सके वो उसने हरा सके वो कल की आई बी की रिपोर्ट बता देता हूँ। भाई कल की आई बी की रिपोर्ट ये है कि आपका भाई सीधा सरकार से टकरा रहा है और 100% ये सरदारी सरकार को यहां धराशाई कर देंगे।
गिल ने कहा देखो आशीर्वाद तो मेरा ये बड़ा गांव मेरी ये बड़ी सरदारी जिसने सदैव जहां कुर्सियों पे बिठाने का काम किया है, वहाँ कुर्सियों से उतारने का काम किया है। मैं तो ये कहना चाहता हूँ। इनके बीच में खड़ा हो करके की ये बेटा आपकी एक बात को जरूर कहेगा कि क्यों ना मैं ऐसा काम करूँ कि मैं इस नौजवान की आदत बन जाऊ?