हरियाणा में क्या खतरे में बीजेपी सरकार? विपक्ष बोला-सत्ता में रहने का नहीं अधिकार

कांग्रेस के साथ तीन निर्दलीय विधायकों के हाथ मिलाने के बाद कांग्रेस हरियाणा में बीजेपी पर दवाब बढ़ा दिया है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है. सीएम का कहना है कि कांग्रेस अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहती है.

 
नायब सिंह सैनी

हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने के बाद नायब सिंह सैनी सरकार पर संकट मंडराने लगा है. 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया है. इसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. विपक्ष का कहना है कि अब नायब सिंह सैनी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. सूबे में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.

हरियाणा विधानसभा के विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है और राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए. राज्य में बीजेपी सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है. उन्होंने जनता की भावनाओं के अनुरूप यह फैसला लिया है, जो राज्य सरकार के खिलाफ है.

आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार डॉ सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार जनता का विश्वास पहले ही खो चुकी थी. अब बहुमत खो चुकी सरकार को मुख्यमंत्री और मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं है. अपनी हार को स्वीकार कर सीएम-मंत्री बदलने का बीजेपी ने ड्रामा रचा था. बीजेपी और जेजेपी से हरियाणा के लोग नफरत करने लगे हैं. 10 की 10 सीटें गठबंधन जीतेगा. हरियाणा के राज्यपाल सरकार को बर्खास्त करें. चुनाव आयोग जल्द विधानसभा चुनाव करवाए.

कांग्रेस कमेटी की महासचिव और सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन से सरकार अल्पमत में आई गई, ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सैनी को अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए. साथ रही राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए. हरियाणा में कुल 90 विधायक हैं. बहुमत के लिए 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत है, जबकि उनके पास 42 विधायक ही हैं. बीजेपी की नीतियों से जनता ही परेशान है, जो समर्थन वापस लेकर कांग्रेस की ओर जा रहे हैं क्योंकि जनता इस समय कांग्रेस की ओर देख रही है, कांग्रेस ही इस प्रदेश और देश का भला कर सकती है.

हरियाणा में क्या है सीटों का समीकरण?

हरियाणा सरकार का साथ छोड़ने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर, नीलाखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पूंडरी से विधायक रणधीर गोलन हैं. अब आपको बताते हैं कि हरियाणा विधानसभा की क्या स्थिति है. हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. मनोहर लाल और रणजीत चौटाला के इस्तीफों की वजह से 2 पद खाली हुए हैं, ऐसे में संख्या 88 बची है और इससे बहुमत का जादुई आंकड़ा अब 45 है. बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. हरियाणा लोकहित पार्टी की 1 सीट और 2 निर्दलीयों को मिला दें तो NDA में कुल 43 विधायक हैं, यानी बहुमत से बीजेपी 2 सीट दूर है.

निर्दलीय विधायकों का साथ छोड़ने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुछ विधायकों की इच्छाएं होती हैं. कांग्रेस आज कल इच्छाएं पूरी करने में लगी हुई है. लोग सब जानते हैं कि किसकी क्या इच्छा है? कांग्रेस को सिर्फ इच्छाएं पूरी करनी हैं.

जेजेपी के 10 में से 7 विधायक पार्टी से नाराज!

विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के पास कुल 30 विधायक हैं और 3 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है. जेजेपी के पास 10 विधायक हैं. इंडियन नेशनल लोकदल का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू हैं, जिसके बाद कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है.

सूत्रों के मुताबिक, जेजेपी के 10 में से 7 विधायक इस वक्त अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. बताया जाता है कि ये विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. माना जाता है कि अगर विधानसभा में वोटिंग होने की स्थिति होगी तो 7 विधायक क्रॉस वोटिंग करके बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं या फिर वोटिंग से गैर-हाजिर होकर भी बीजेपी की मदद कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो दोनों परिस्थितियों में बीजेपी की सरकार बच सकती है.