एजेंट के मकड़जाल में फंसे कैथल के युवक की बेलारूस में मौत, शव वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे परिजन

विदेश में जाकर पैसा कमाना और अपने परिवार को गरीबी से निकलने की इच्छा हर नौजवान की होती है। इसी इच्छा के चलते कैथल के गांव बंदराना का युवक विशाल भी जर्मनी जाना चाहता था।
 

कैथल : विदेश में जाकर पैसा कमाना और अपने परिवार को गरीबी से निकलने की इच्छा हर नौजवान की होती है। इसी इच्छा के चलते कैथल के गांव बंदराना का युवक विशाल भी जर्मनी जाना चाहता था। 

साढ़े सात लाख रुपए में तय हुई थी बात 

आपको बता दें कि कैथल जिले के गांव बंदराना में लगभग 800 घर है और लगभग 400 युवक पैसा कमाने के लिए विदेश जा चुके हैं और इसी वजह से यहां का हर युवक विदेश जाकर डॉलर कमाने की चाह रखता है। विशाल ने भी विदेश जाने का फैसला इसी वजह से लिया। इसके लिए उसने करनाल के एजेंट सुखदेव से संपर्क किया और साढ़े सात लाख रुपए में बात तय हो गई। एजेंट ने उसकी बात सीधी इटली में बैठे अंकित नाम के एजेंट से करवाई और आगे से अंकित ही बाहर भेजने के इस मामले को डील करने लगा।

एजेंट अंकित इटली में रहता है। उसका परिवार गांव करनाल जिले के ओगंद गांव में रहता है और बाहर के मामलों की सारी डील उसका परिवार और गांव का सरपंच करते हैं। विशाल के परिवार की सतपाल और सियाराम सरपंच गांव ओगंद में रहने वालो से सारी डील चलती थी और वहीं इटली में बैठे अंकित से बात करवाते थे, जिसके बदले उन्होंने विशाल के परिवार से साढ़े सात लाख रुपए ले लिए थे। अगस्त 2023 को विशाल को जहाज में बिठाकर मास्को (रूस) को भेज दिया गया और 1 साल तक विशाल रूस में ही अटका रहा और परिवार के लोग उसे रहने खाने का खर्चा भेजते रहे। अगस्त 2024 में एजेंट अंकित ने उसे डंकी के रास्ते जर्मन भेजने की कोशिश की परंतु बॉर्डर पर सख्ती होने की वजह से बॉर्डर पर ना कर सका और उसकी टांग में चोट भी लग गई। विशाल ने 6 अगस्त को अपने परिवार को फोन किया कि उसकी टांग में चोट लग गई है और वह आगे नहीं जाना चाहता। आप एजेंट से कहिए वह उसे वापस इंडिया भेज दे। परिवार ने इसकी हामी भर दी और एजेंट अंकित से कहा कि उसके बेटे को वापस भेजा जाए। अंकित एजेंट ने इस पर हामी भर दी कि मैं उसकी टिकट करवा दूंगा और वह सुरक्षित भारत वापस आ जाएगा। परंतु उसके बाद ना तो एजेंट ने विशाल के परिवार से कोई बात की और ना ही विशाल का उनके पास कोई फोन आया।

22 तारीख को बेलारूस दूतावास से कैथल के लघु सचिवालय में एक मेल आती है जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि विशाल नाम के युवक की मौत हो गई है और उसका पासपोर्ट नंबर में पूरी जानकारी दी गई। इसकी पुष्टि करें अन्यथा बेलारूस सरकार उसका अंतिम संस्कार कर देगी। सचिवालय से सूचना लेकर पुलिस विशाल के घर गांव बंदराना पहुंची और इस बात की पुष्टि की गई कि विशाल इसी गांव का निवासी है। उसके बाद से परिवार में मातम छाया हुआ है और परिवार विशाल के शव की वापसी की मांग को लेकर प्रशासन से गुहार लग रहा है। वहीं पुलिस विभाग से विशाल की मौत की जांच की मांग कर रहा है। 

बेटे के शव को लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे परिजन 

परिजनों का आरोप है कि उनकी 6 तारीख को विशाल से बात हुई थी, उस समय उसकी केवल टांग में चोट लगी हुई थी और बेलारूस दूतावास में भी उसकी मौत की तारीख 7 अगस्त ही बताई है। परिवार में गांव के लोगों का कहना है कि एजेंट को अगर यह सारी बात पता थी तो उसने 7 तारीख से लेकर अब तक परिवार को धोखे में क्यों रखा। अगर दूतावास से कोई सूचना नहीं आती तो उन्हें कभी नहीं पता चलता कि उनके बेटे के साथ क्या हुआ है। परिवार को शक है कि एजेंट और डोंकर के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई है, इसलिए वह जांच की मांग कर रहे हैं और अपने बेटे के शव को बेलारूस से वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं और वह चाहते हैं कि एजेंट अंकित जो इटली में बैठा है और उसके दो व्यक्ति जो गांव ओगंद जिला करनाल में रहते हैं सतपाल और सियाराम सरपंच गांव ओगंद उसके लिए काम करते हैं उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। 

एजेंट के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई

इस बारे जब कैथल के पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और इस पर कार्रवाई की जाएगी और जो भी परिवार की मदद हो सकती है वह की जाएगी। वह अपील करना चाहते हैं कि लोग जिस एजेंट के माध्यम से अपने बच्चों को बाहर भेज रहे हैं उसकी पूरी जांच कर लें और ऐसे एजेंट के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी जो लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।