विनेश का फैसला टलने पर नाराज हुए महावीर फोगाट, मेडल को लेकर कही ये बात
विनेश फोगाट मामले पर फैसले की तारीख एक बार फिर बढ़ाकर 16 अगस्त कर दी गई है। इस पर महावीर सिंह फोगाट का रिएक्शन सामने आया है। उनका कहना है कि वो फैसले का इंतज़ार करते रहेंगे और उन्हें उम्मीद है कि फैसला जरूर विनेश के हक में आएगा। एक तरफ पूरा भारत देश फैसले के इंतजार में है, इस बीच महावीर फोगाट की बातों में भी फैसला टलने को लेकर निराशा दिखी।
महावीर फोगाट ने कहा कि हम 5-6 दिन से फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन लगातार तारीख पे तारीख दी जा रही है, फिर भी हम इंतज़ार करेंगे और पूरा भारत देश इस फैसले का इंतजार कर रहा है। हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे ही हक में आएगा, हम इंतज़ार करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएएस जो फैसला सुनाएगा वह उन्हें तहे दिल से स्वीकार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि विनेश जब भारत वापस लौट आएंगी तब उनका बढ़िया ढंग से स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग मिठाई बांटने और पटाखे फोड़ने को तैयार बैठे थे, क्योंकि हमें पूरी उम्मीद थी कि फैसला विनेश के हक में ही आएगा।
बता दें कि यह मामला विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने या ना दिए जाने पर है। इसकी सुनवाई 9 अगस्त को हुई थी, लेकिन उसके बाद तारीख बढ़ाकर 10 अगस्त, फिर 13 अगस्त और अब 16 अगस्त कर दी गई है। CAS द्वारा जारी की गई स्टेटमेंट अनुसार फैसला भारतीय समयानुसार 16 अगस्त की रात 9:30 बजे फैसला सुनाया जाएगा।
क्या है CAS
CAS दुनिया भर में खेलों की सेवा करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है। CAS यानि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट एक स्वतंत्र संस्था है। ये खेल जगत में हुए किसी भी विवाद के निपटारे के लिए काम करती है। खिलाड़ी, कोच किसी भी तरह की फैसले पर आपत्ति या और भी किसी तरह के विवाद होने पर इस कोर्ट में ही अपील कर सकते है। वहीं CAS में 87 देशों के लगभग 300 Arbitrators हैं, जिन्हें खेल कानून के विशेषज्ञ ज्ञान के लिए चुना गया है। बता दें कि CAS में हर साल लगभग 300 मामले दर्ज किए जाते हैं।
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक तीन मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया।