पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना के पुत्र मनमोहन भड़ाना हुए भाजपाई, देवीलाल सरकार में बिना विधायक बने थे कैबिनेट मंत्री
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मुख्यमंत्री हरियाणा के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी के माध्यम से रविवार को पूर्व मंत्री करतार सिंह भडाना के पुत्र मनमोहन सिंह भड़ाना कांग्रेस छोड़ विधिवत रूप से अपने साथियों संग भाजपा में शामिल हो गए। करनाल पंच कमल कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पार्टी का पटका पहनाकर मनमोहन भड़ाना को शामिल करवाया। मूल रूप से फरीदाबाद से संबंध रखने वाले भड़ाना परिवार के इस सदस्य को शामिल करवाने के बाद सीधे तौर पर माना जा रहा है कि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र समालखा में इनके शामिला होने के बाद बीजेपी को लाभ मिलता नजर आ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल क्योंकि करनाल लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं इस मध्यनजर हर किसी का फोकस जातिगत समीकरणों में नॉन जाट वोटो पर जा रहा है, करतार सिंह भडाना के पुत्र मनमोहन सिंह भड़ाना भाजपा के लिए लाभप्रद रह सकते हैं।
भड़ाना परिवार ने इसी कड़ी में मनमोहन सिंह भडाना को समालखा से भाजपा के भावी उम्मीदवार के रूप में उतारा है। समालखा सीट पर ब्राह्मणों का आधिपत्य भी गुर्जरों से कम नहीं माना जाता।गौरतलब है कि 1987 में समालखा से ही सचदेव त्यागी चुनाव लड ठीक-ठाक मतों से चुनाव जीते थे। सचदेव त्यागी ने हथवाला और ब्राह्मण वोटरों के दम पर इस विजय पताका को लहराया था। यहां के समीकरण सदा ब्या करते आए हैं कि समालखा विधानसभा में ब्राह्मणों का आधिपत्य भी गुर्जरों से कम नहीं है। 1987 में सचदेव त्यागी ने बड़ी आसानी से यह जीत हासिल कर इसे प्रमाणित किया था। इसका मूल कारण यह भी है कि गुर्जर बाहुल्य इस क्षेत्र में अन्य जातियों के वोटर ब्राह्मण उम्मीदवार की तरफ ज्यादा झुकाव रखते आए हैं। राजनीतिक समीकरणों को भाजपा आने वाले दिनों में कैसे ओर अच्छे तरीके से भुनाएगी इस पर सभी की निगाह रहेगी। राजनीतिक दल अपनी अपनी सोच और तरीके से इन चीजों पर विश्लेषण भी कर रहे हैं।
हरियाणा की राजनीति में मनमोहन सिंह भड़ाना गुज्जर राजनीति के अंदर उभरता चेहरा साबित हो सकते हैं। हरियाणा के गुज्जर क्षेत्रो में भाजपा इनका निसंदेह लाभ उठा सकती है।