हरियाणा में CM योगी के मंच पर दिखा नूंह हिंसा का आरोपी बिट्टू बजरंगी, BJP को दिया समर्थन

हरियाणा में नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी ने बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान कर दिया है. एक दिन पहले बजरंगी ने फरीदाबाद में सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली में मंच साझा किया था और बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट मांगे थे. योगी के मंच पर दिखने के बाद विपक्ष ने निशाना भी साधा है.

 
योगी आदित्यनाथ

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. नूंह हिंसा के आरोपी और एनआईटी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़े बिट्टू बजरंगी ने अपना समर्थन बीजेपी उम्मीदवार को दे दिया है. इसके साथ-साथ रविवार को फरीदाबाद में हुई यूपी के मुख्यमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ की रैली बिट्टू बजरंगी ने मंच भी साझा किया.

बिट्टू बजरंगी ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी एनआईटी सीट से अपना नामांकन भरा था, लेकिन योगी की सभा के दौरान उन्होंने एनआईटी सीट से बीजेपी प्रत्याशी सतीश फागना को अपना समर्थन दे दिया. अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस बारे में जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी पार्टी ने उनसे समर्थन लेने के लिए संपर्क किया था या नहीं?

बिट्टू बजरंगी बोला- सनातनी साथियों के कहने पर समर्थन

सवाल के जवाब में बिट्टू बजरंगी ने कहा कि किसी भी बीजेपी के नेता या प्रत्याशी ने उनसे समर्थन लेने के लिए संपर्क नहीं किया बल्कि उन्होंने ऐसा अपने सनातनी साथियों के कहने पर किया. बिट्टू ने कहा कि वह योगी आदित्यनाथ का बेहद सम्मान करते हैं और उन्हीं के सम्मान के चलते उन्होंने यह कदम उठाया.

आपको बता दें कि साल 2023 में नूंह हिंसा के दौरान बिट्टू बजरंगी का नाम सुर्खियों में आया था. पुलिस ने बिट्टू बजरंगी पर नूंह में हिंसा फैलाने का मुकदमा दर्ज किया था. बिट्टू के खिलाफ डकैती और धोखाधड़ी समेत 12 मुकदमे दर्ज हैं. हालांकि इनमें से ज्यादातर मुकदमे दूसरे धर्म का अनादर करने के हैं. फिलहाल सभी मुकदमे अदालत में विचाराधीन हैं.

90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोटिंग

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोटिंग है. वोटिंग से पहले बीजेपी, कांग्रेस सभी राजनीतिक दल पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी हैं. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया है. दूसरी ओर आईएनएलडी और बसपा के बीच गठबंधन है.

जेजेपी और आजाद समाज पार्टी भी एक साथ चुनाव मैदान में उतरी है. शुरू में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन बात नहीं बन पाई, जिसके बाद दोनों अपने दम पर मैदान में हैं.