हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली, उपचुनाव में सैनी सरकार का बहुमत का भी होगा टेस्ट

हरियाणा में लोकसभा चुनावों के बाद जहां पार्टियां विधानसभा चुनावों की ओर कदम बढ़ा रही हैं। वहीं प्रदेश की पांच में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। ये सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा के पास थी।
 
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हरियाणा में लोकसभा चुनावों के बाद जहां पार्टियां विधानसभा चुनावों की ओर कदम बढ़ा रही हैं। वहीं प्रदेश की पांच में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। ये सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा के पास थी। दीपेंद्र हुड्डा ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

बता दें कि अगर कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वो लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्‌डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। ऐसे में अब जल्द ही इस पर उपचुनाव होगा। वहीं हरियाणा में राज्यसभा सीट के उपचुनाव में विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार का बहुमत भी साबित हो जाएगा। 

जानकारी के मुताबिक देशभर में राज्यसभा की कुल 10 सीटें लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं। इनमें एक सीट हरियाणा की है। वहीं दीपेंद्र हुड्‌डा का अभी 2 साल का कार्यकाल बचा हुआ था। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी सीट खाली हो गई। दीपेंद्र हुड्‌डा इस सीट पर मार्च 2020 में छह साल के लिए राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 

  • कामाख्या प्रसाद तासा - असम,
  • सर्बानंद सोनोवाल - असम,
  • मीसा भारती - बिहार,
  • विवेक ठाकुर - बिहार,
  • दीपेंद्र सिंह हुड्डा - हरियाणा,
  • ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया - मध्य प्रदेश,
  • उदयनराजे भोंसले - महाराष्ट्र,
  • पीयूष गोयल - महाराष्ट्र,
  • के.सी. वेणुगोपाल - राजस्थान 
  • बिप्लब कुमार देब - त्रिपुरा

राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था, लेकिन उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए आगामी कुछ हफ्तों में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई बाकी सीटों के साथ इस पर भी उपचुनाव कराएगा।

भाजपा के पास 41 विधायक

गौरतलब है कि भाजपा के पास इस समय सदन में 41 विधायक हैं। हलोपा और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलने के बाद भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 29 है। इसके अलावा अगर राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग की नौबत आती है तो जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक दो फाड़ भले ही हो जाएं, लेकिन उन्हें पार्टी व्हिप का पालन करना पड़ेगा। ऐसे में जजपा के 10 विधायकों के वोट काफी अहम होंगे। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू तथा इनेलो विधायक अभय चौटाला की वोट भी अगर विपक्ष में गिन ली जाए तो राज्यसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प बन सकता है।