मेडल के लिए पेरिस ओलंपिक में भिड़ेंगी रितिका हुड्डा, कुश्ती के 76 किलो भारवर्ग में कोटा हुआ पक्का
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हरियाणा के पहलवान विदेशी धरती पर अपना डंका हमेशा से बजवाते रहे हैं। इस बार पेरिस ओलंपिक में भी देश को मेडल दिलाने का भार हरियाणा के पहलवानों पर है। इस वर्ष होने वाले ओलंपिक में तो हरियाणा की बेटियों से कुश्ती के खेल में पदक लाने की उम्मीदें भी आसमान पर हैं। सोनीपत के रायपुर गांव के अखाड़े में अंतराष्ट्रीय कोच कुलदीप से पहलवानी के गुर सीखने वाली रोहतक के गांव खरकड़ा की रहने वाली रितिका को 76 किलोग्राम वर्ग भार में पेरिस ओलंपिक का टिकट मिला गया है। जिसके बाद पहलवान रितिका और उसके गुरु कुलदीप के साथ साथ
हरियाणा में आजकल चुनावी राजनीति और पहलवानों के अखाड़े की चर्चा जोरों पर है। हरियाणा की कई बेटियों को पेरिस ओलंपिक का टिकट मिल गया है, जिसमें विनेश फोगाट, अंशु मलिक, रितिका हुड्डा, निशा दहिया और अंतिम पंघाल शामिल हैं। परिवार में भी खुशी का माहौल है।
आपको बता दें कि सोनीपत के गांव रायपुर स्तिथ अखाड़े में इंटरनेशनल कोच कुलदीप सिंह सहरावत से कुश्ती के गुर सीखने वाली रितिका ने पहली बार देश को 76 किलोग्राम वर्ग भार में पेरिस ओलंपिक का टिकट दिलवाया है। जिसके लिए वो दिन रात कड़ी मेहनत कर रहीं हैं। पेरिस ओलंपिक का टिकट मिलने के बाद रितिका हुड्डा ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि मुझे 76 किलोग्राम वर्ग भार में ओलंपिक खेलने का मौका देश की तरफ से मिला है। इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं और मेरा सपना है कि मैं ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतकर लाऊं।
गौरतलब है कि रितिका हुड्डा अपनी इस उपलब्धि के पीछे कोच कुलदीप सिंह और परिवार का अहम योगदान बतया है। रोहतक के गांव खरकड़ा की रहने वाली रितिका हुड्डा की मां नीलम और उनके कोच कुलदीप सिंह का कहना है कि उनकी बेटी को ओलंपिक का टिकट मिला है। इस उपलब्धि से पूरे अखाड़े और परिवार में खुशी का माहौल है। इसके लिए रितिका हुड्डा लगातार दिन रात कड़ी मेहनत कर रही थीं। उन्हें उम्मीद है कि रितिका इस वेट कैटेगरी में देश के लिए मेडल जीतकर लाएगी और देश का नाम रोशन करेंगी।