संख्या के आधार पर फिलहाल अल्पमत में नहीं है सैनी सरकार - राम नारायण यादव

लोकसभा चुनावों के बाद अब हरियाणा में नायब सैनी सरकार के अल्पमत में होने का मुद्दा फिर से उठने लगा है। विपक्ष एक बार फिर से विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहा है।
 
jagatkranti

लोकसभा चुनावों के बाद अब हरियाणा में नायब सैनी सरकार के अल्पमत में होने का मुद्दा फिर से उठने लगा है। विपक्ष एक बार फिर से विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहा है। साथ ही विपक्ष का कहना है कि नायब सैनी सरकारा को सदन में विश्वासमत साबित करना चाहिए। यादव ने कहा कि संख्या के आधार पर अभी हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है। 

यादव ने कहा कि राजनीति में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच सरकार गिराने की और सरकार बचाने की लड़ाई हमेशा चलती ही रहती है। वहीं, 90 विधायक दल वाली हरियाणा विधानसभा में फिलहाल कुल विधायक 87 हैं। लोकसभा चुनाव लड़ रहे और विधायक पद से इस्तीफा दे चुके पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला के इस्तीफों और अब निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद की मौत के बाद तीन विधायक पद खाली हैं। अब भाजपा के पास 40 तो कांग्रेस के बाद 30 विधायक हैं। वहीं, 10 विधायक जेजेपी के, निर्दलीय विधायक 5, वहीं इनेलो के अभय चौटाला और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू शामिल विधायक हैं। वहीं, बहुमत के लिए सरकार को 44 विधायकों की जरूरत है। लेकिन हाल ही में 13 मार्च को हरियाणा सरकार ने बहुमत साबित किया था। अगर विपक्ष चाहता है कि अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए तो उन्हें यह सदन में साबित करना होगा। यादव ने कहा कि सरकार को सितंबर से पहले विधानसभा सत्र भी बुलाना होगा। सविंधान के अनुसार छह महीने के अंदर सत्र बुलाना होता है। पिछला सत्र मार्च में बुलाया गया था। ऐसे में सितंबर से पहले सत्र बुलाना आवश्यक है। वहीं, हरियाणा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है। 

वहीं, जेजेपी ने अपने विधायकों को दिए नोटिस पर राम नारायण यादव ने कहा कि कोई भी पार्टी यदि अपने विधायकों को नोटिस देती है तो उसके पार्टी विधायकों को उसका जवाब देना जरूरी है। साथ ही उसके निर्देशों को मानना भी होगा। यदि सदन में विधायक यह निर्देश नहीं मानते तो उनके निलंबित होने का मामला भी बना सकता है। पूर्व विधायक रणजीत सिंह चौटाला की सैलरी से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए यादव  ने कहा कि हमारे विधायको के लिए हरियाणा सैलरी एंड अलाउंस रुल्स और एक्ट बने हुए हैं। ऐसे ही मंत्रियों के लिए भी बने हुए हैं। जिसके तहत उन्हें पेंशन मिलती है।