हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में लिया बड़ा निर्णय, अब नहीं देना होगा ये शुल्क
हरियाणा के खान एवं भूविज्ञान मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए उनसे कृषि क्षेत्र को समतल करने के

चंडीगढ़: हरियाणा के खान एवं भूविज्ञान मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए उनसे कृषि क्षेत्र को समतल करने के लिए नियम/ प्रावधानों के अनुसार कोई रॉयल्टी या परमिट शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
खान एवं भूविज्ञान मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार आज हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विधायक श्री कुलदीप वत्स द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। श्री कृष्ण लाल पंवार ने सदन को अवगत कराया कि किसानों को अपनी कृषि भूमि को समतल करने की अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल बनाया है।
राज्य सरकार ने 12 मार्च, 2024 के आदेशों के माध्यम से कुछ दिशा—निर्देश अधिसूचित किए हैं, जिसमें किसानों और भूमि मालिकों को कृषि भूमि को समतल करने के लिए अलावा अपने निजी उपयोग के लिए साधारण मिट्टी का उपयोग करने के लिए राज्य सरकार के "https://kisan.minesharyana.gov.in" पोर्टल पर सूचना देना आवश्यक है। इसके अलावा, अपने निजी उपयोग या मिट्टी की ज्यादा भरत के लिए 3.50 पैसे प्रति टन परमिट की फीस लेते हैं।
उन्होंने बताया कि अवैध खनन को रोकने के लिए राज्य नियम 2012 के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई वाहन बिना किसी वैध खनिज पारगमन परमिट के राज्य में किसी खनिज का परिवहन करते हुए पाया जाता है तो उस पर नियम 102 के तहत कार्रवाई की जाएगी तथा यदि कोई अवैध या अनाधिकृत खनन हुआ है तो उस पर नियम 104 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सदन को अवगत कराया कि उपर्युक्त दोनों नियमों के अनुसार पहली और दूसरी बार उल्लंघन के मामले में, वाहन, मशीनरी, उपकरण जब्त किए जा रहे हैं और उसके बाद खनिज की कीमत और खनिज की रॉयल्टी के भुगतान के बाद ही छोड़ा जाएगा, साथ ही पहली बार में 10,000 रुपये तक का जुर्माना और दूसरी बार में 15,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि तीसरी बार उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य के शोरूम वाले वाहन, उपकरण, उत्खनन मशीनें जो 5 वर्ष से कम पुरानी है उस पर 4 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा। इसी प्रकार, वाहन, उपकरण, उत्खनन मशीनें जिनका शोरूम मूल्य 25 लाख रुपये से अधिक हो और जो 5 वर्ष से अधिक परन्तु 10 वर्ष से कम पुरानी है, उस पर तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। शेष 10 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों, उपकरणों, उत्खनन मशीनों के लिए जिन्हें अन्यथा कानूनी रूप से चलाने की अनुमति है, उस पर दो लाख रुपये की राशि वसूली जाएगी।