कैथल में विज का एक्शन: ग्रीवेंस मीटिंग में विज ने ASI को किया सस्पेंड, ग्राम सचिव और जेई को चार्जशीट करने के दिए आदेश

शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लेते हुए ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने लोगों की जन समस्याएं सुनते हुए पुलिस विभाग के एएसआई समेत पंचायत विभाग के ग्राम सचिव को चार्जशीट करने के आदेश दिए हैं।

 
grievances meeting in Kaithal

कैथल: शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लेते हुए ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने लोगों की जन समस्याएं सुनते हुए, पुलिस विभाग के एएसआई समेत पंचायत विभाग के ग्राम सचिव को चार्जशीट करने के आदेश दिए हैं, विजय ने सुनवाई के दौरान अधिकारियों पर भी जमकर फटकार लगाई, सुनवाई के दौरान विज के समक्ष पवन कुमार निवासी किठाना ने शिकायत की थी कि उसका 8 वर्षीय लड़का गांव किठाना में अमर पब्लिक स्कूल में द्वितीय कक्षा में पढ़ता था। स्कूल से घर आते समय स्कूल के बस चालक ने उसे पशु अस्पताल की तरफ बस रोक कर बस से नीचे उतार दिया। सड़क क्रास करते समय वाहन चालक ने लापरहवाही से वाहन चलाते हुए उसके लड़के को टक्कर मार दी और ईलाज के दौरान उसके लड़के की मृत्यु हो गई। 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि स्कूल मैनेजमैन्ट द्वारा पुलिस प्रशासान द्वारा मिलकर उस पर मुकदमे का राजीनामा करने बारे दबाव बनाया जा रहा है। प्रार्थी द्वारा स्कूल मैनेजमैन्ट के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने बारे अनुरोध किया है। अनिल विज ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रशासन पर मामला दर्जन न करने को लेकर किठाना चौंकी के एएसआई सुखदेव सिंह को सस्पेंड करने तथा स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

वहीं दूसरे मामले की सुनवाई करते हुए विज ने पंचायती राज विभाग के तत्कालीन ग्राम सचिव और जेई को चार्जशीट करने के आदेश दिए तथा उसे समय के मौजूदा सरपंच के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए डीसी को बोला गया। प्रार्थी के मकान को हुई क्षतिपूर्ति की रिपोर्ट बनाने के लिए कुरुक्षेत्र इंजीनियरिंग कॉलेज की एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इस पूरे मामले में जांच करके अगली मीटिंग में अनिल बीच को रिपोर्ट सौंपेगी।

बता दें कि सीवन निवासी मुकेश कुमार के मकान में पंचायती विभाग के तत्कालीन अधिकारी की लापरवाही के कारण मकान में आई दरारों से क्षतिग्रस्त हुए मकान का मुआवजा देने के आदेश दिए  थे। लेकिन पंचायती राज विभाग ने अभी तक भी शिकायतकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया था।