ये कैसा सिस्टम! मजदूर ने बैंक में जमा करवाए पौने 2 लाख रुपए, निकालने गया तो मिले 15 हजार

बिलासपुर पी.एन.बी. बैंक का एक मामला सामने आया है, जिसमें एक मजूदर ने अपने खाते में पौने 2 लाख रुपए जमा करवाएं जब निकलवाने बैंक गया तो पता चला कि खाते में केवल 15 हजार रुपए ही है।
 
Yamunanagar hindi news

बिलासपुर : बिलासपुर पी.एन.बी. बैंक का एक मामला सामने आया है, जिसमें एक मजूदर ने अपने खाते में पौने 2 लाख रुपए जमा करवाएं जब निकलवाने बैंक गया तो पता चला कि खाते में केवल 15 हजार रुपए ही है। पिरूवाला गांव का मजदूर सरदारी लाल शुक्रवार को किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष गुरमेज सिंह कपुरी, सतीन्द्र सिंह फेरूवाला, गुरविन्द्र चंगनौली, नीरज व अन्य किसानों के साथ पी.एन.बी. बैंक शाखा बिलासपुर में पहुचा, जहां पर कर्मचारियों की तरफ से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो किसान यूनियन के सदस्य भड़क गए और वह बैंक के मेन गेट के आगे दरी बिछाकर बैठ गए और बैंक विरोधी नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद बैंक मनेजर गुरचरण सिंह भी मौके पर पहुंच गए। 

उन्होंने किसान के सदस्यों को समझाने का प्रयास किया परंतु किसानों उनकी बात से सहमत नहीं हुए। किसान सदस्यों ने बैंक प्रबंधक को चेताया कि यदि सोमवार तक मजदूर सरदारी लाल पिरूवाला के पैसे न मिले तो बैंक को ताला लगाकर बैंक के मेन गेट पर पक्का मोर्चा लगाकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मजदूर सरदारी लाल ने बैंक में 4 बार में जमा किए पैसों की रसीद भी दिखाई। 

क्या कहते हैं बैंक मैनेजर : बैंक मैनेजर गुरचरण सिंह का कहना है कि बैंक के साथ रैलीशक नाम की कंपनी अटैच है। इसी कंपनी के कर्मचारी बैंकों में या बैकों के आसपास बैठकर लेनदेन का कार्य नियमों के अनुसार करते हैं। कंपनी का एक कर्मचारी बिलासपुर पी.एन.बी. बैंक के पास बैठकर लेनदेन करता था। उक्त मजदूर ने इसी कर्मचारी के पास पैसे जमा किए है। मजदूर ने बैंक में पैसे जमा किए, इसमें कोई संदेह नही हैं परन्तु कंपनी के कर्मचारी ने मजदूर को जमा करने की रसीद तो दे दी परंतु उसके खाते में पैसे जमा नहीं किए। इस बारे पता चला तो उन्होंने तुरंत कंपनी को मेल भेजकर सूचित किया व उसके कर्मचारी की जांच कर मजदूर के जमा किए पैसे दिलाने व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिख दिया हैं। उनकी या उनके बैंक की तरफ से किसी तरह की हेराफेरी नहीं की गई है। यह रैलशक कंपनी के कर्मचारी से जुड़ा मामला है। वह मजदूर की हर प्रकार की मदद के लिए तैयार है।