क्या थी वो वजह, जिसकी वजह से जूना अखाड़े से निकाले गए IITian बाबा

महाकुंभ मेले में चर्चित आईआईटीयन बाबा अभय सिंह को जूना अखाड़े से निकाल दिया गया है। अखाड़ा ने गुरु के प्रति अपशब्दों के प्रयोग काे संज्ञान लेकर उन्हें निष्कासित कर दिया।
 
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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में चर्चित आईआईटीयन बाबा अभय सिंह को जूना अखाड़े से निकाल दिया गया है। अखाड़ा ने गुरु के प्रति अपशब्दों के प्रयोग काे संज्ञान लेकर उन्हें निष्कासित कर दिया। उनके अखाड़ा शिविर और उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है। अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है। इसका पालन न करने वाला संन्यासी नहीं बन सकता।

जूना अखाड़े का बयान

जूना अखाड़े के सदस्यों का आरोप है कि अभय सिंह ने अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जूना अखाड़े के एक सदस्य ने कहा कि वह हमें बदनाम कर रहे थे. वह एक साधु नहीं, बल्कि एक आवारा व्यक्ति थे। अखाड़े ने यह भी साफ किया कि अभय सिंह किसी के शिष्य नहीं थे और अखाड़े से उनका कोई औपचारिक संबंध नहीं था।

एयरोस्पेस की नौकरी छोड़कर बने बाबा

जूना अखाड़ा के महंत सोमेश्वर पुरी के शिष्य इंजीनियर बाबा अभय सिंह अपनी आईआईटी की पढ़ाई के बाद एयरोस्पेस की नौकरी छोड़कर बाबा बनने की वजह से सोशल मीडिया में पिछले काफी दिनों से छाए थे। इससे जूना अखाड़ा स्थित उनके शिविर में मिलने वालों की भीड़ जुटने लगी। इसी बीच, उनकी गुरु सोमेश्वर पुरी से अनबन हो गई। इस पर गुरु ने उन्हें शिविर से बाहर निकाल दिया, लेकिन इंजीनियर बाबा ने मेला नहीं छोड़ा। उन्होंने दूसरे संत के शिविर में आसरा ले लिया।

 शनिवार को उनका सोशल मीडिया में पुन: बयान वायरल हुआ, जिसमें वह मेला क्षेत्र में ही दिख रहे थे। वीडियो में उन्होंने कहा कि मुझे भगाया गया, लेकिन कहीं मैं कुछ बोल न दूं, इसलिए रोक लिया गया और साजिश के तहत कह दिया गया कि मैं कहीं गया नहीं था। मैं कहीं जाकर दूसरी जगह जाकर रहा। 

झज्जर के रहने वाले हैं इंजीनियर बाबा 

इंजीनियर बाबा के अनुसार, उनके लाइमलाइट में आने से बाबा सोमेश्वर पुरी परेशान हो गए थे। इससे उन्हें शिविर छोड़ने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि मैंने बहुत पहले अपने माता-पिता के नंबर ब्लॉक कर दिए थे। उनका परिवार, जो झज्जर (हरियाणा) में रहता है, उन्हें खोजते हुए महाकुंभ पहुंचा, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वे शिविर छोड़ चुके हैं, तो वे निराश होकर लौट गए। बाबा ने माता-पिता को लेकर कठोर शब्दों का प्रयोग किया, जिससे उनका अपने परिवार से अलगाव साफ दिखाई दिया।