PoK से पहले पाकिस्तान के इस शहर पर होगी भारत की स्ट्राइक, मिल रहे हैं 3 बड़े संकेत
भारत की अगली सर्जिकल स्ट्राइक PoK नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ मुरीदके पर हो सकती है. एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि पहलगाम हमले की साजिश यहीं रची गई थी. अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भी भारत को लादेन मॉडल अपनाने की सलाह दी है. पीएम मोदी का बयान भी संकेत देता है कि इस बार आतंकियों के मुख्य ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा, न कि सिर्फ लॉन्च पैड्स को.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब जो सबसे बड़ा सवाल है, वो ये कि अगर भारत जवाबी स्ट्राइक करता है तो पहला निशाना कौन होगा? हाल के घटनाक्रमों और खुफिया एजेंसियों के इनपुट्स को देखते हुए संकेत मिल रहे हैं कि भारत की पहली कार्रवाई पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नहीं, बल्कि पंजाब प्रांत के मुरीदके शहर में हो सकती है.
ये वही जगह है जहां लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है और जहां से बीते दो दशकों में सैकड़ों आतंकी हमलों की स्क्रिप्ट लिखी गई है. मुरीदके, लाहौर के पास स्थित है और यहीं लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय ‘जमात-उद-दावा’ के नाम से चलता है. यहां सिर्फ आतंकी ट्रेनिंग नहीं होती बल्कि यहीं बैठकर भारत के खिलाफ बड़े हमलों की योजना बनाई जाती है.
टारगेट पर क्यों है पाकिस्तान का ये शहर?
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, यहीं से 26/11, पठानकोट और हालिया पहलगाम हमले जैसे आतंकी अभियानों की रणनीति बनी. माना जाता है कि यहां लश्कर के टॉप लीडर हाफिज सईद, सैफुल्लाह, हाशिम मूसा और पाक आर्मी के अफसरों की नियमित आवाजाही होती है. यानी यह जगह लश्कर की ऑपरेशनल रीढ़ है. ऐसे में आतंकियों को सबक सिखाने के लिए इससे बढ़िया टारगेट नहीं हो सकता.
एनआईए के इनपुट से बढ़ा भारत का शक
एनआईए की जांच में सामने आया है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की योजना 2 फरवरी को रावलकोट (PoK) में हुई एक मीटिंग में बनी थी. इसमें लश्कर, जैश और हमास के कई आतंकी मौजूद थे. इसके बाद मार्च में मुरीदके के मुख्यालय में एक और बैठक हुई, जिसमें सैफुल्लाह, ISI अधिकारी और पाकिस्तानी सेना के प्रतिनिधि शामिल हुए. यहीं पर हाशिम मूसा और तलाह भाई को हमले की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे स्पष्ट होता है कि मुरीदके ही हमलों की सबसे अहम प्लानिंग साइट है.
अमेरिका की ‘लादेन मॉडल’ सलाह
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक बयान में कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ खुला युद्ध नहीं करना चाहिए, लेकिन आतंकियों को लादेन की तरह घर में घुसकर खत्म करना चाहिए. इस बयान को रणनीतिक रूप से देखा जाए तो ये संकेत है कि अमेरिका भी चाहता है कि भारत सीधे आतंकियों के गढ़ पर प्रहार करे, न कि पूरे पाकिस्तान से लड़ाई छेड़े. यही कारण है कि मुरीदके जैसे टारगेट अब भारत की लिस्ट में ऊपर आते दिख रहे हैं.
पीएम का ‘मिट्टी में मिला देंगे’ वाला बयान
बिहार में एक रैली के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ‘आतंकी जहां कहीं भी हैं उनको, वहीं मिट्टी में मिला देंगे.’ इस बयान को डिकोड करें तो यह स्पष्ट है कि भारत सिर्फ सीमापार के छोटे-छोटे लॉन्च पैड्स को नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क के सबसे बड़े सोर्स को निशाना बनाने की तैयारी में है. यानी, इस बार की कार्रवाई ‘सर्जिकल’ नहीं, बल्कि ‘सिस्टमेटिक डैमेज’ वाली होगी.
तो क्या मुरीदके पर बरसेगा कहर?
इन सभी संकेतों से स्पष्ट है कि अगर भारत जवाबी कार्रवाई करता है, तो पहला और सबसे बड़ा लक्ष्य लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके हो सकता है. ये हमला न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई होगा बल्कि भारत की उस नीति का हिस्सा भी होगा जिसमें कहा गया है कि अब आतंक को समर्थन देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा. PoK में बंकर और मदरसे खाली करने के बाद अब पाकिस्तान की निगाहें अपने ही पंजाब प्रांत पर टिक गई हैं, जहां भारत अगला वार किसी भी वक्त गिर सकता है.