नेतन्याहू की बेमतलब शर्त बनी 6 बंधकों की मौत की वजह, मौसाद चीफ ने याद दिलाई गलती

गाजा में 6 इजराइली बंधकों की मौत के बाद नेतन्याहू सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया है. विपक्षी नेता, आम नागरिकों समेत अब डील को लेकर उनके रुख पर उन्हीं की सरकार के मंत्री और अधिकारी भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

 
Israel Hamas war hostage crisis

गाजा में इजराइल के 6 बंधकों की मौत के बाद पूरे इजराइल में बंधक रिहाई डील को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे है. आम नागरिकों से लेकर इजराइल के सेलिब्रिटी, नेता और आधिकारी भी अब जल्द से जल्द बंधक रिहाई डील की मांग कर रहे हैं. इस बीच इजराइल की खुफिया एजेंसी मौसाद के चीफ डेविड बार्निया का बड़ा बयान सामने आया है.

उन्होंने कहा कि बंधकों की रिहाई समझौते के तहत इजराइल सेना को फिलाडेल्फिया और नेत्ज़ारिम कॉरिडोर से हट जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब वहां किसी ऑपरेशन के लिए इजराइल सेना का रहना जरूरी नहीं है.

पिछले महीने काहिरा में हुई मध्यस्थों की बैठक के नाकाम होने के पीछे फिलाडेल्फिया और नेत्ज़ारिम कॉरिडोर पर इजराइल की अपनी उपस्थिति की मांग अहम वजह रही थी. 6 बंधकों की मौत की बाद हमास ने भी इसका आरोप नेतन्याहू पर लगाया है. हमास के एक अधिकारी ने कहा कि 6 बंधकों की मौत नेतन्याहू की डील के लिए कठोर मांग की वजह से हुई है.

नेतन्याहू की मांग को बेमतलब

मौसाद की चीफ ही नहीं इजराइल के रक्षा मंत्री यौव गैलेंट ने इस मांग को अनावश्यक बताया है. बंधकों की मौत के बाद रविवार बुलाई गई एक बैठक में गैलेंट ने कहा, “इजराइल मिस्र और गाजा को अलग करने वाले तथाकथित फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर कंट्रोल बनाए रखने की मांग बंधकों की रिहाई में एक अनावश्यक बाधा जो हमने खुद पर रखी है.”

3 लाख लोग तेल अवीव की सड़कों पर

6 बंधकों की मौत के बाद डील में हुई देरी पर देश में इजराइल सरकार खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है. पूरे इजराइल में बंधक रिहाई समझौते के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. रविवार को करीब 3 लाख लोगों ने डील की मांग को लेकर तेल अवीव की सड़कों पर प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन 7 अक्टूबर के बाद से अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है. तेल अवीव ही नहीं इजराइल के दूसरे शहरों में भी ऐसे ही प्रदर्शन हो रहे हैं.