ईरान पर हमला करने से इजराइल को बार-बार इसलिए रोक रहे थे ट्रंप, वजह आई सामने
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ईरान के साथ परमाणु समझौते पर जोर दे रहे हैं, जबकि इजराइल प्रधानमंत्री कई बार विरोध जता चुके हैं. IAEA की रिपोर्ट से पता चला है कि ईरान 60 फीसद शुद्धता वाला यूरेनियम जमा कर चुका है, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान के साथ जल्द से जल्द परमाणु डील चाहते हैं. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ईरान के ऊपर आक्रामक नजर आए हैं और अपनी धमकियों को जरिए ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना चाहा है, लेकिन अब तस्वीर कुछ और है, अमेरिका ओमान की मध्यस्थता में ईरान के साथ बातचीत कर रहा है.
इस बातचीत का इजराइल प्रधानमंत्री कई बार विरोध जता चुके हैं. ट्रंप ने नेतन्याहू की एक न सुनते हुए ईरान के साथ न्यूक्लियर वार्ता जारी रखी. साथ ही नेतन्याहू को बार-बार चेतावनी दी कि वह ईरान पर हमला या कोई भी ऐसा कदम न उठाए जिससे वार्ता पर असर पड़े. जिसके बाद से ये सवाल चर्चाओं में थे आखिर ट्रंप अपने खास दोस्त नेतन्याहू को भी ईरान के पीछे चेतावनी क्यों दे रहे हैं. अब माना जा रहा है कि इन सवालों का जवाब एक रिपोर्ट से मिल गया है.
रिपोर्ट में हुआ खास खुलासा
दुनिया भर के परमाणु प्रोग्रामों पर नजर रखने वाली एजेंसी IAEA (International Atomic Energy Agency) की रिपोर्ट सामने आई है, जिससे ये साफ हो गया है कि अब ईरान को बातचीत कर ही परमाणु संपन्न बनने से रोका जा सकता है. उसके खिलाफ कोई भी हमला पूरे मध्य पूर्व के साथ, दुनिया भर मे तबाही ला सकता है.
क्या है IAEA की रिपोर्ट में?
यूनाइटेड नेशन की न्यूक्लीयर वॉच एजेंसी IAEA की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान ने 60 फीसद शुद्धता वाला यूरेनियम जमा कर लिया है. यह स्तर हथियार-स्तर (90 फीसद) से थोड़ा ही नीचे है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे परमाणु बम बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना बेहद आसान हो जाता है. यह यूरेनियम कुछ और संसाधनों के साथ बहुत ही कम समय में परमाणु हथियार बनाने में उपयोग हो सकता है. जिससे माना जा रहा है कि इसी वजह से ट्रंप वार्ता के जरिए ईरान को रोकना चाहते हैं.