बारिश में गिरी 400 सौ साल पुरानी दीवार, एक परिवार के 5 लोगों समेत 7 की मौत
मध्य प्रदेश के दतिया में बुधवार की अल सुबह एक भयानक हादसा हो गया. लगातार बारिश की वजह से राजगढ़ किले की 400 साल पुरानी दीवार गिर गई. इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत 7 की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
मध्य प्रदेश के दतिया में लगातार हो रही बारिश के साइड इफेक्ट नजर आने लगे हैं. बुधवार को यहां राजगढ़ किले के निचले हिस्से में 4 सौ साल पुरानी दीवार भरभराकर गिर गई. इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत 7 की मौके पर ही मौत हो गई. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और आपदा राहत की टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है. यह घटना दतिया के खलकापुरा मोहल्ले में सुबह के करीब साढ़े तीन बजे की है. पुलिस के मुताबिक मृतकों में दो लोग उस परिवार के रिश्तेदार हैं.
जानकारी के मुताबिक दीवार गिरते ही घर में मौजूद सभी 9 लोग मलबे के नीचे दब गए थे. गनमीत रही कि पास पड़ोस के लोगों ने मलबा हटाकर दो लोगों को बाहर निकाल लिया. वहीं बाकी लोगों को 7 लोगों को मलबे से निकालने में थोड़ी देरी हो गई. पड़ोसियों ने ही मामले की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद कलेक्टर संदीप मकीन और एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा पूरे लाव लश्कर के साथ मौके पर पहुंचे और आपदा राहत टीम की मदद से राहत कार्य शुरू कराया.
रेस्क्यू में लापरवाही पर हंगामा
पुलिस के मुताबिक 7 घंटे तक चले ऑपरेशन के दौरान 7 लोगों के शव बाहर निकाले गए हैं. हालांकि ग्रामीणों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया. इस हादसे में मरने वालों में निरंजन वंशकार, उनकी पत्नी ममता, बेटी राधा, दो बेटे सूरज और शिवम के अलावा निरंजन की बहन प्रभा और बहनोई किशन शामिल हैं.
सीएम ने किया आर्थिक सहायता का ऐलान
इनमें किशन मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला था, लेकिन बीते 15 वर्षों से ससुराल में रह रहा था. इसी प्रकार इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए निरंजन के दूसरे बहनोई मुन्ना उनके बेटे आकाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कलेक्टर ने राज्य सरकार को घटना से अवगत कराया. इसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.