…तो मस्जिद में भी करेंगे कथा, हिंदू बेटियों को सिखाएं तलवारबाजी; सनातन बोर्ड क्यों जरूरी? बोले बागेश्वर बाबा

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि धर्म से राजनीति चलती है. संतों को राजनीति में जाना चाहिए. मगर हम नहीं जाएंगे. वह कहते हैं कि हम उनके (धर्म विशेष) खिलाफ नहीं है. सभी को रहने का अधिकार है. वो एक अध्यात्म है. बहुत बड़ी विरासत है. हम आपके मक्का मदीना में तो नहीं घुसते. अजमेर में हिंदुओं की दुकान लगवा दीजिए. जब आप नहीं कर सकते तो हम क्यों उदारवादी बने.

 
मध्य प्रदेश

बागेश्वर धाम में सनातन हिंदू एकता यात्रा को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह नजर आ रहा है. धाम पर आए सैकड़ों भक्त रात में खुले में ही सो रहे हैं. भक्तों का कहना है की हम उनके पागल हैं, उनकी यात्रा जरूर सफल होगी. इस बीच वह भजन कीर्तन कर रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से भी संत यहां पहुंचे हैं. इस दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से टीवी-9 भारतवर्ष ने कई सवाल किए, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए.

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि भारत के मुसलमान हमें आदर के साथ बुलाएं तो हम यात्रा छोड़कर मस्जिद में कथा करेंगे. पाकिस्तान वाले भी बुलाएं तो हम वहां भी कथा करने के लिए तैयार हैं. वह कहते हैं कि मुस्लिम हमारी यात्रा में आना चाहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं. उन्होंने कहा कि संस्कृति को बचाने के लिए सनातन बोर्ड जरूरी है. स्कूलों में हिंदू बेटियों को सुरक्षा के लिए तलवारबाजी सिखाई जाए. शादी के सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिए.

सवाल- सनातन हिंदू एकता यात्रा की जरूरत क्यों?

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस सवाल के जवाब में बताया कि जातियों में इस वक्त हिंदू बटा हुआ है. वह जात पात की लड़ाई में उलझा हुआ है. विश्वगुरु भारत तब बनेगा जब सभी लोग एक साथ मिलकर एनर्जी लगायेंगे. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में हिंदुओं की हालत देखकर बहुत जरूरी है हिंदू एकता. एकता के लिए उनको (हिंदू) जगाने के लिए ये यात्रा है.

सवाल- मुस्लिम और ईसाई को साथ नहीं लिया?

वह कहते हैं कि मुस्लिम और ईसाई आना चाहें तो हमें दिक्कत नहीं है. जो राष्ट्र का निर्माण करना चाहता है वो यात्रा में जरूर आएं. उनका कहना है कि हम आपस में बंट जाएंगे तो धर्म विरोधी और राष्ट्र विरोधी ताकतें हमें कांटेगी. भारत के हिंदुओं को एक होने की जरूरत है. हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के नारे के साथ नहीं है. हम अध्यात्म के सिपाही है.

सवाल- सनातन बोर्ड की जरूरत क्यों?

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि जो 100 एकड़ के मालिक थे वो हजारों करोड़ों रुपये की जमीनों के मालिक हो गए. वो तो संसद को भी अपना बताते हैं. इस देश में उनकी नीति खत्म हो. उनके अगर अलग नियम हैं तो हम लोगों को भी अलग नियम दीजिए, इसलिए सनातन बोर्ड की जरूरत है. आदि शंकराचार्य को पता था की हिंदू बंट जाएंगे, कन्वर्टेड होगा, जब उन्होंने क्रांति की थी. तब भी बुद्धिज्म की और देश चला जा रहा था. सब अपने ही अंग है. वह कहते हैं कि अपनी संस्कृति को बचाने के लिए सब कुछ करना है. इजराइल इसलिए लड़ रहा है क्योंकि उसे अपना कल्चर बचाना है. उसी प्रकार अभी वर्तमान में जितने भी एजेंडे चल रहे हैं सनातन बोर्ड, हिंदू एकता यात्रा, घर वापसी, इससे सिर्फ अपनी संस्कृति को बचाना है.

सवाल- हिंदू बेटियों को स्कूलों में तलवार की ट्रेनिंग क्यों?

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे देश में जिन भगवान की पूजा करते हैं, उस भगवती के हाथ में ही त्रिशूल है. रानी लक्ष्मीबाई समेत ऐसे लाखों उदाहरण हैं, जिनके कारण देश में नारियों को पुरुषों से कम नहीं आंका गया. वह कहते हैं कि लव जिहाद से भी बचने के लिए अगर तलवार बाजी सिखाई जा रही है तो क्या गलत है. हम तो कह रहे है की स्कूलों में भी तलवारबाजी बेटियों की सिखानी चाहिए. मुस्लिम भी अपने बेटियों को बचाएं, वो भी सिखाएं. उन्होंने कहा कि भाई-चारा क्यों? बहन-चारा भी करो. गरबों में बहनों को भी लेकर आओ.

सवाल- दुबई के शेख के साथ तस्वीर खिंचवाते हैं, भारत के मुसलमानों से आपत्ति?

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि वो स्वागत करते हैं तो हम जाते हैं. भारत के मुसलमान हमारा स्वागत करें तो हम उनके यहां भी जाएंगे. हम तो इनकी मस्जिदों में कथा करने के लिए तैयार हैं. वो हमें बुलाये, हमारा स्वागत करें. पदयात्रा अगले साल कर लें. हम तो पाकिस्तान भी जाने को तैयार हैं. उनका कहना है किहिंदू राष्ट्र में सभी को रहने का अधिकार हैं. ये देश सभी का है. हम उनको एक्सेप्ट नहीं करते जो सर तन से जुदा की बात करते हैं. वह कहते हैं कि हमारा रास्ता अलग है.

सवाल- आदिवासियों के धर्म परिवर्तन को कैसे रोकेंगे?

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि हमको आदिवासियों के पास जाना पड़ेगा. वह भगवान राम के वंशज हैं, उनके साथी है. ये सब भोले हैं. उन्हें आदिवासी नहीं अनादिवासी कहना चाहिए. उन्होंने बताया कि वह 108 आदिवासी बेटियों का विवाह करेंगे और दलित दूल्हों को घोड़े पर बैठायेंगे.

शादी के सवाल पर क्या बोले?

शादी के सवाल पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि लवेरिया करना होता तो हम दुल्हन खोजते. अरेंज करना है तो तुम तलाशों. ऑफर तो आते रहते हैं. विदेशों से भी तीन चार ऑफर आए हैं. माता पिता विदेश की क्या लड़की बल्कि अंतरिक्ष से भी दुल्हन पसंद कर लें तो शादी कर लेंगे.