आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण 11 दिन का रखेंगे उपवास, जानें क्या है मामला

आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण को विधानसभा और लेकसभा चुनाव में शानदार जीत मिली है. इस जीत के लिए वह अब वाराही देवी का उपवास रख कर धन्यवाद करेंगे. इससे पहले भी उन्होंने जून 2023 में उन्होने वाराही देवी की पूजा की थी और साथ ही उन्होंने वाराही विजय यात्रा भी शुरू की थी.

 
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आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने फिल्म इंडस्ट्री के बाद राजनीति में कदम रखा और यहां भी ये हिट रहे. इस जीत के लिए वह वाराही देवी को धन्यवाद करेंगे और 11 दिन का व्रत रखने जा रहे हैं. पवन कल्याण ने 19 जून को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी. नायडू सरकार में उनको पंचायत राज और ग्रामीण विकास, पर्यावरण, वन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग भी उनको ही दिया गया है.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद पवन कल्याण देवी मां को धन्यवाद देना चाहते हैं. इसी वजह से उन्होंने दीक्षा लेने का फैसला लिया है. इनकी दीक्षा 26 जून को शुरू होगी और 11 दिनों तक चलेगी. इस दौरान पवन आंध्र प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए माता से प्रार्थना करेंगे.

खूब चर्चा में रहा था शपथ ग्रहण समारोह

पवन के इस आध्यात्मिक फैसले की सोशल मीडिया पर भी खूब सराहना की जा रही है. इनका शपथ ग्रहण समारोह भी खूब चर्चा में रहा था. इस समारोह में उन्होंने अपने बड़े भाई चिरंजीवी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था. इसके बाद यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. इस बार वह अपने उपवास रखने को लेकर चर्चा में हैं. इससे पहले भी उन्होंने जून 2023 में उन्होने वाराही देवी की पूजा की थी और साथ ही उन्होंने वाराही विजय यात्रा भी शुरू की थी और वाराही देवी की दीक्षा ली थी.

वाराही देवी की मान्यताएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी वाराही हिंदू धर्म में सात मातृदेवियों के एक समूह मातृकाओं में से एक हैं. वाराही देवी भगवान विष्णु के वराह अवतार और वराह की शक्ति (स्त्री ऊर्जा) मानी जाती हैं. वाराही देवी का स्वरूप बहुत ही उग्र माना जाता है. हालांकि देवी अपने भक्तों पर कृपा करती हैं. इनका मुख वराह की तरह ही है. आठ भुजाओं वाली देवी वाराही अपने हाथों में चक्र, गदा, हल, पाश, अंकुश, शंख आदि धारण करती हैं. कमल के आसन पर विराजमान होने वाली वारही देवी के वाहनों में सिंह (शेर), घोड़े और सांप शामिल हैं.