गुजरात को एक और बड़ा सम्मान, CM ऑफिस को मिला ISO 9001:2015 सर्टिफिकेट

देश में एकमात्र राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय को 2009 से ही ISO प्रमाण पत्र प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है. साल 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में क्वालिटी मैनेजमेंट का ISO बेंचमार्क हासिल करने की जो परंपरा शुरू हुई वह मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कार्यकाल तक बरकरार है.

 
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गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय को ISO 9001:2015 का सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया है. यह प्रमाण पत्र अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्च स्तरीय, गुणवत्तापूर्ण, समयबद्ध, जनता-केंद्रित और सुचारू कामकाज के लिए दिया गया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य स्तरीय ऑनलाइन जन शिकायत निवारण कार्यक्रम स्वागत (स्टेट वाइड अटेंशन ऑन ग्रीवेंसेज बाई एप्लीकेशन ऑफ टेक्नोलॉजी) और ISO ऑडिट की परम्परा भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ी है. इस सफलता की वजह से मुख्यमंत्री कार्यालय को 2024 से 2026 तक की अवधि के लिए ISO 9001:2015 सर्टिफिकेट दिया गया है.

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को यह प्रमाण पत्र टेक्नोक्रेट कंसल्टेंट्स के निदेशक भाविन वोरा और प्रमाणन एजेंसी-ब्यूरो वेरिटास के अधिकारियों की ओर से सौंपा गया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि यह ISO 9001:2015 प्रमाणन मुख्यमंत्री कार्यालय को सुनिश्चित मानकों के साथ कार्य निष्पादन, क्षमता, प्रभाव और समयबद्धता के जरिए आम जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध रखेगा.

2009 से गुजरात को मिल रहा है सर्टिफिकेट

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी द्वारा स्थापित सुशासन के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन को गुजरात की प्रशासनिक व्यवस्था ने निरंतर बनाए रखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने 2009 से 2023 तक लगातार पांच त्रिवार्षिक आईएसओ सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाले देश के एकमात्र राज्य बन गया है. इसी के साथ उन्होंने राज्य के प्रशासन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के चिंतन और उत्तम जनसेवा के संकल्प को साकार करने के प्रयासों के लिए सीएमओ टीम को बधाई दी.

पीएम मोदी ने राज्य की कार्य संस्कृति बदली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2009 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की प्रशासनिक कार्य संस्कृति में परिवर्तन लाने के लिए अनेक पहल की थी. इसकी वजह से मुख्यमंत्री कार्यालय को ISO बेंचमार्क की क्वालिटी पर रखा गया था. राज्य शासन को पहली बार 2009 में सार्वजनिक सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट सुधारों के साथ समयबद्ध काम के लिए प्रमाणन दिया गया था.