बाजार का बुरा हाल, क्या सोना करेगा कमाल, कितने होंगे मालामाल?

चुनाव बीत चुका है. देश में नई सरकार बनने वाली है. शेयर बाजार रिएक्शन निवेशकों को दे चुका है. अब गोल्ड की बारी है. बीते दो लोकसभा चुनाव में जून के महीने में गोल्ड अच्छा रिटर्न दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी जून का महीना गोल्ड के नाम हो सकता है.

 
GOLD

भले ही 5 जून यानी बुधवार को शेयर बाजार में 3 फीसदी की रिकवरी देखने को मिल चुकी हो, लेकिन 4 जून को लोकसभा के नतीजों के दौरान शेयर बाजार ने साफ संकेत दिए कि उसे स्थिर सरकार की जरुरत है. मतलब साफ है कि ‘खिचड़ी’ सरकार के दौरान शेयर बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है. लेकिन आज सवाल शेयर बाजार का नहीं है. बल्कि सोने की कीमतों का है. बीते कुछ दिनों से गोल्ड के दाम में लगातार गिरावट देखी जा रही है.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या चुनाव नतीजों और खि​चड़ी सरकार के बीच गोल्ड के दाम किस तरह से देखने को मिलते हैं. वैसे जानकारों का कहना है कि गोल्ड की कीमतों में सरकारों के बदलने का कोई असर देखने को नहीं मिलता है. लेकिन खिचड़ी सरकार में शेयर बाजार के अस्थिरता के दौरान निवेशकों का रुझान गोल्ड की ओर देखने को मिल सकता है.

वैसे भी बीते दो लोकसभा चुनाव के बाद जून के महीने में सोने के निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है. आइए जरा आंकड़ों पर नजर दौड़ाते हैं और समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर आने वाले दिनों में गोल्ड के दाम की स्थिति कैसी देखने को मिल सकती है.

सोने में देखने को मिल सकती है तेजी

जानकारों की मानें तो गोल्ड के दाम में आने वाले दिनों में तेजी देखने को मिल सकती है. इसके कई प्रमुख कारण माने जा रहे हैं. सबसे प्रमुख कारण सेंट्रल बैंकों की ओर से होने वाले संभावित ब्याज दरों में कटौती. यूरोपियन बैंक गुरुवार को ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करेगा. उसके बाद फेड भी ब्याज दरों में भी कटौती देखने को मिल सकती है. जिसका असर डॉलर इंडेक्स में देखने को मिल सकता है.

डॉलर इंडेक्स में गिरावट आने से गोल्ड की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी करेंसी के हेड अनुज गुप्ता के अनुसार सेंट्रल बैंकों की ओर से ब्याज कटौती गोल्ड की कीमतों को लेकर बड़ा फैक्टर बनने वाला है. उससे पहले गोल्ड में कटौती गोल्ड खरीदारों के लिए शुभ संकेत है.

चुनाव के बाद आती है तेजी

अगर हम ये बात कह रहे हैं कि चुनाव नतीजों के बाद जून के महीने में गोल्ड के दाम तेजी देखने को मिलती है, तो यूं ही नहीं कह रहे हैं. इसके पीछे काफी अच्छी हिस्ट्री भी है. साल 2014 में जब मई में नई सरकार का गठन हुआ था तो उसके बाद जून के महीने में गोल्ड के दाम में 3.40 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी. जुलाई के महीने में गोल्ड के दाम फ्लैट ही देखने को मिले थे.

वहीं दूसरी ओर 2019 में चुनाव और उसके नतीजों के गोल्ड के दाम में इजाफा तो देखने को मिला था, लेकिन उतनी तेजी नहीं थी, जितनी साल 2014 में थी. आंकड़ों के अनुसार जून 2019 में गोल्ड की कीमत में 6 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था. जुलाई के महीने में दाम 3.55 फीसदी से ज्यादा बढ़ गए थे. अगस्त के महीने में कीमतों में 9.56 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था.

लगातार तीन महीने से तेजी

गोल्ड के दाम में लगातार तीन महीने से तेजी देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार मार्च के महीने में गोल्ड के दाम में 8.17 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था. अगले महीने अप्रैल के महीने में गोल्ड के दाम में 4 फीसदी की तेजी देखने को मिला था. मई के महीने में 2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. खास बात तो ये है कि इन तीन महीनों में गोल्ड के दाम में औसतन 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है.

अब बड़ा सवाल ये है कि मौजूदा जून के महीने में गोल्ड के दाम में इजाफा हो गया नहीं. अगर जून में भी गोल्ड की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिली तो करीब 4 साल के बाद ऐसा देखने को मिलगा कि लगातार चार महीनों तक गोल्ड की कीमत में रैली देखने को मिली है. साल 2020 में लगातार 7 महीने तक गोल्ड के दाम में इजाफा देखने को मिला था.

गोल्ड के मौजूदा दाम

अगर बात आज की करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार दोपहर 3 बजकर 45 मिनट में गोल्ड की कीमत में 147 रुपए की गिरावट देखी जा रही है, जबकि दाम 71,850 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गए हैं. कारोबारी सत्र के दौरान सोना 71,811 रुपए के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी पहुंचा. जबकि आज सोना 72,077 रुपए के साथ ओपन हुआ था. एक दिन पहले गोल्ड की कीमत 71,997 रुपए थी. जानकारों की मानें तो आने वाले महीनों में गोल्ड की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है.