राहुल गांधी से सतर्क रहें, आरक्षण खत्म करने के षड्यंत्र में लगी है कांग्रेस: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण के मसले पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला है. मायावती का कहना है कि कांग्रेस सालों से आरक्षण खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है. आरक्षण को लेकर राहुल गांधी की ओर से दिया गया बयान घातक है.

 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है. मायावती ने आरोप लगाया है कि SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म करने के लिए कांग्रेस सालों षड्यंत्र में लगी है. दरअसल, अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों की ओर से आरक्षण को जारी रखने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि आरक्षण को खत्म करने के बारे में कांग्रेस तब सोचेगी जब सही समय आएगा. ये समय आरक्षण को खत्म करने का नहीं है.

मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है. इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी.’

राहुल गांधी के बयान से रहें सावधान- मायावती

बसपा सुप्रीमों ने कहा, ‘अब कांग्रेस के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहतर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे. इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षड्यंत्र में लगी है.’

उन्होंने कहा, ‘इन वर्गों के लोग कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी. ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें.’

कांग्रेस की आरक्षण-विरोधी रही है सोच- मायावती?

मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस की शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है. केंद्र में रही इनकी सरकार में जब इनका (SC, ST, OBC) आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इंसाफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. लोग सावधन रहें. कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है. जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी है.’