गर्भवती महिलाओं से बच्चों में जा रही ब्लैक नोज डिजीज, क्या है ये बीमारी क्यों तेजी से फैल रही?

हर बुखार के बाद अपने साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं, चिकनगुनिया में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है, ऐसे में एक मामला सामने आया है जिसमें प्रेगनेंट मां को चिकनगुनिया की शिकायत हुई और डिलीवरी के बाद बच्चे में इसके साइड इफेक्ट्स देखे गए, क्या है ये बीमारी आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में.

 
प्रेगनेंसी

इस साल ज्यादा बारिश की वजह से जगह-जगह चिकनगुनिया के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं, ये मच्छर के काटने से होने वाला बुखार है, इसके लक्षण डेंगू की ही तरह दिखते हैं लेकिन इसमें मरीज की मांसपेशियों में तेज दर्द की शिकायत होती है. मच्छर के काटने से होने वाला ये बुखार गर्भवती महिलाओं में भी फैल रहा है. ऐसे में इस बुखार के लक्षण मां के साथ साथ होेने वाले बच्चे में भी दिखाई दे रहे हैं. लेकिन इस बार चिकनगुनिया में एक नया लक्षण दिख रहा है. इसको ब्लैक नोज डिजीज कहते हैं. ये बीमारी मां से बच्चे में भी जा रही है.

एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि अगर गर्भवती मां को चिकनगुनिया हो रहा है तो इसका असर उसके होने वाले बच्चे पर भी दिखाई दे रहा है. ऐसे में एक मामला चेन्नई में सामने आया है जिसमें मां को प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में चिकनगुनिया की शिकायत हुई थी और डिलीवरी के बाद 15 दिन में ही बच्ची को बुखार और नाक पर काले धब्बे आने शुरू हो गए. जिसके बाद उसे स्कीन स्पेशलिस्ट को दिखाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक ये रेयर स्किन डिजीज मां के चिकनगुनिया के संक्रमण के कारण हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक इस लक्षण के अलावा बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है लेकिन ये लक्षण मां को हुए चिकनगुनिया से ही बच्चे में हुआ है. इस ब्लैक नोज डिजीज का नाम दिया गया है.

क्या होता है ब्लैक नोज डिजीज

महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि ये एक प्रकार का स्कीन संबंधी रोग है जिसमें हल्के बुखार के साथ साथ नाक पर काले धब्बे आने शुरू हो जाते हैं. ये धब्बे ज्यादातर नाक के आसपास ही होते है इसलिए इसे ब्लैक नोज डिजीज कहते हैं, ये ज्यादातर मरीजों में चिकनगुनिया के बुखार के बाद या उसके साथ होता है. स्कीन स्पेशलिस्ट्स के मुताबिक स्कीन पर ये धब्बे 6 महीनों तक रह सकते हैं लेकिन सही मेडिकेशन के साथ ये जल्दी ही समाप्त भी हो जाते है.

ब्लैक नोज डिजीज के लक्षण

– इसमें सबसे पहले मरीज को बुखार की शिकायत होती है.

– इसके अलावा पैशेंट को जोड़ों के दर्द की शिकायत भी हो सकती है.

– इस स्थिति में मरीज को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में सूजन भी आ सकती है.

– नाक पर काले धब्बे व रैशिज होते हैं.

– मरीज को थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है.

– ये लक्षण 15 दिनों से 1 महीने तक बने रह सकते हैं.

बचाव के तरीके

चूंकि ब्लैक नोज डिजीज चिकनगुनिया के साइड इफेक्ट के तौर पर देखी जाती है इसलिए इससे बचने के लिए व्यक्ति को चिकनगुनिया से बचाव की जरूरत है.

– इसलिए इस बुखार से बचने के लिए आपको मच्छर के काटने से खुद का बचाव करना है.

– इसलिए अपने आसपास पानी न इकट्ठा होने दें, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.

– बुखार होने पर तुरंत अपना ब्लड टेस्ट करवाएं.

– मच्छर न पनपे इसलिए पानी में मिट्टी का तेल या दवाई का छिड़काव करवाएं.

– पूरी बांह के कपड़े पहनें.

– अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें, लिक्विड डाइट ज्यादा लें.