टीएमसी विधायक तक पहुंची जांच की आंच…कोलकाता रेप केस में सात घंटे पूछताछ
तृणमूल कांग्रेस विधायक निर्मल घोष से केंद्रीय जांच एजेंसी ने सात घंटे तक पूछताछ की. उनपर आरोप है कि उन्होंने शव का दाह संस्कार जल्दबाजी में कराने में भूमिका निभाई है.सीबीआई का कहना है कि उसके पास कॅाल डिटेल हैं , जिसमें पाया गया है कि 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और निर्मल घोष के बीच बातचीत हुई है.
कोलकाता रेप और मर्डर केस में सीबीआई जांच की आंच अब तृणमूल कांग्रेस विधायक तक पहुंच गई है, पार्टी के पानीहाट से विधायक निर्मल घोष को केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए बुलाया था ,उनपर आरोप है कि उन्होंने शव का दाह संस्कार जल्दबाजी में कराने में भूमिका निभाई है . जब विधायक से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास जांच एजेंसी को बताने के लिए कुछ था. इस लिए वह यहां आए थे. सीबीआई ने पूछताछ के लिए आरजी कर के फोरेंसिक विभाग के डाक्टर प्रोफेसर अपूर्व विश्वास को भी बुलाया था.
जांच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए घोष ने कहा ,मेरे पास जांच अधिकारियों को बताने के लिए कुछ बातें थीं और उन्हें मुझसे कुछ जानने की जरूरत थी. मैं उस दिन एक विधायक के रूप में आरजी कर अस्पताल में मौजूद था. वह मेरी विधानसभा क्षेत्र की डॉक्टर थीं, मैं चाहता हूं कि अपराधियों को फांसी दी जाए. मैं उसके लिए न्याय चाहता हूं. वह एक प्रतिभाशाली लड़की थीं.
क्या है सीबीआई का आरोप ?
सीबीआई के अधिकारिओं का कहना है कि मृत डाक्टर के अंतिम संस्कार जल्दबाजी में कराने में घोष का महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने का संदेह है. घोष को उस दिन अस्पताल में और श्मशान घाट पर देखा गया था. सीबीआई का कहना है कि उसके पास कॅाल डिटेल हैं , जिसमें पाया गया है कि 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और निर्मल घोष के बीच बातचीत हुई है. उसी बातचीत के बारे में जानने के लिए उनसे पूछताछ की गई है.
बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया था, उसके बाद बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी. मृतक का शव अर्ध नग्न अवस्था में सेमिनार हॉल में पड़ा मिला था. इस मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार है. उसके अलावा 2 और लोग भी गिरफ्तार किये गये है, जिसमें अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष भी शामिल हैं. सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने संदीप घोष और अन्य तीन की जेल रिमांड को 7 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है, जो अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के संबंधित मामले में जेल में बंद है.