IPS मनोज कुमार वर्मा होंगे कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की अहम मांगों में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को पद से हटाए जाने की भी थी. सरकार ने उन्हें पुलिस कमिश्नर पद से हटाते हुए STF का एडीजी और आईजी बना दिया है. वह 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अफसर हैं.

 
कोलकाता रेप मर्डर केस

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अफसर मनोज कुमार वर्मा कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर होंगे. प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने की अहम मांगों में से एक थी, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वीकार कर लिया था. कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर केस में अपने आवास पर आयोजित बैठक के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा था कि कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा मंगलवार शाम चार बजे के बाद की जाएगी.

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आज मंगलवार को जारी सूचना के अनुसार, राज्य में कई पुलिस अफसरों का तबादला किया गया है. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को कोलकाता से STF का एडीजी और आईजी बनाया गया है. जबकि उनकी जगह मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का पुलिस कमिश्नर के रूप में तैनात किया गया है. यही नहीं बंगाल सरकार ने डॉ. कौस्तव नायक को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान का नया डायरेक्टर नियुक्त कर दिया है.

CM ममता के पसंदीदा अफसर हैं मनोज

मनोज इससे पहले बंगाल पुलिस में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) के रूप में कार्यरत थे. इनके अलावा 5 अन्य पुलिस अफसरों का तबादला किया गया है. मनोज 1998 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. मनोज को तेजतर्रार पुलिस अफसर माना जाता है. उन्हें सीएम ममता बनर्जी के पसंदीदा पुलिस अफसरों में गिना जाता है.

डॉक्टरों की 99% मांगें स्वीकारः CM ममता

मुख्यमंत्री ममता ने कल सोमवार रात आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार करते हुए कहा कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा के निदेशक को उनके पद से हटा दिया जाएगा. डॉक्टरों के साथ लंबी बैठक के बाद सीएम ममता ने कहा कि हमारी बातचीत सफल रही और उनकी (डॉक्टरों) की करीब 99 फीसदी मांगों को स्वीकार कर लिया गया है.

मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों ने सोमवार को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया. डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि वे चाहते हैं कि संबद्ध प्राधिकारें, सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट जांच प्रक्रिया में तेजी लाए. साथ ही बिना किसी देरी के दोषियों को दंडित करे. डॉक्टरों का आरोप है कि इस केस में सबूतों से छेड़छाड़ की गई.